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सुजलॉन एनर्जी का टारगेट प्राइस बढ़ा, रेटिंग में कटौती

ब्रोकरेज फर्म जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज ने विंड एनर्जी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी सुजलॉन एनर्जी की रेटिंग में बदलाव किया है।

Suzlon Energy: भारत की प्रमुख विंड एनर्जी कंपनी सुजलॉन एनर्जी एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार कारण थोड़ा दिलचस्प है। ब्रोकरेज हाउस जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज ने जहां एक ओर कंपनी की रेटिंग में कटौती करते हुए इसे 'बाय' से घटाकर 'अक्युमुलेट' कर दिया है, वहीं दूसरी ओर उसका टारगेट प्राइस 71 रुपये से बढ़ाकर 77 रुपये कर दिया है। इसका मतलब यह है कि भले ही निवेश की सलाह थोड़ी सतर्कता की ओर इशारा कर रही हो, लेकिन कंपनी के भविष्य को लेकर ब्रोकरेज हाउस काफी आशावान है।

रेटिंग में बदलाव का क्या मतलब है

ब्रोकरेज द्वारा रेटिंग को 'बाय' से 'अक्युमुलेट' करने का अर्थ यह है कि निवेशकों को अब नए निवेश करने के बजाय मौजूदा होल्डिंग्स को बनाए रखने की सलाह दी जा रही है। यह बदलाव आम तौर पर तब किया जाता है जब किसी शेयर की कीमत में हालिया तेजी के कारण जोखिम कुछ बढ़ जाता है, लेकिन कंपनी की मूलभूत स्थिति अब भी मजबूत मानी जाती है। जियोजित ने सुजलॉन की कारोबारी मजबूती और ऑर्डर बुक की स्थिरता को देखते हुए ही टारगेट प्राइस में वृद्धि की है।

मजबूत ऑर्डर बुक बना सहारा

ब्रोकरेज फर्म जियोजित का मानना है कि सुजलॉन की 5.5 गीगावाट की ऑर्डर बुक कंपनी के भविष्य को लेकर स्पष्टता प्रदान करती है। इनमें से लगभग 80 प्रतिशत ऑर्डर कमर्शियल, इंडस्ट्रियल और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों से हैं, जिससे यह जाहिर होता है कि सुजलॉन को विभिन्न क्षेत्रों से निरंतर मांग मिल रही है।

सबसे अहम बात यह है कि कंपनी की प्रमुख विंड टरबाइन S144 मॉडल के ऑर्डर कुल बुकिंग का 92 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं। इसका अर्थ यह है कि सुजलॉन ने अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में उच्च गुणवत्ता और विश्वसनीयता बनाए रखी है।

डिलीवरी और राजस्व में दिखेगा उछाल

जियोजित का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 से 2027 के बीच विंड टरबाइन की डिलीवरी में 41 प्रतिशत तक की तेजी देखने को मिल सकती है। साथ ही, कंपनी की आय में सालाना 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की संभावना जताई गई है। इतना ही नहीं, रिटर्न ऑन इक्विटी यानी इक्विटी पर लाभांश दर भी 26 प्रतिशत तक पहुंच सकती है, जो कि निवेशकों के लिए उत्साहवर्धक संकेत है।

मार्च तिमाही के नतीजे चौंकाने वाले

सुजलॉन एनर्जी ने वित्तीय वर्ष 2025 की मार्च तिमाही में जबरदस्त प्रदर्शन किया है। कंपनी का शुद्ध लाभ 1,182.22 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा मात्र 254.12 करोड़ रुपये था। यह लगभग पांच गुना की वृद्धि है, जो कंपनी की ऑपरेशनल दक्षता और बाजार में मांग को दर्शाता है।

सिर्फ लाभ ही नहीं, बल्कि कंपनी की कुल आय में भी जोरदार उछाल दर्ज हुआ है। मार्च 2025 तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 3,773.54 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 73 प्रतिशत अधिक है। मार्च 2024 में यह आंकड़ा 2,179.20 करोड़ रुपये था।

मजबूत वित्तीय स्थिति

वित्त वर्ष 2025 के अंत तक सुजलॉन की बैलेंस शीट और भी मजबूत हो गई है। कंपनी के पास 1,943 करोड़ रुपये का नेट कैश मौजूद है और उसकी समेकित नेटवर्थ 6,106 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। यह संकेत करता है कि कंपनी ऋणभार से मुक्त होकर सकारात्मक नकदी प्रवाह बनाए रखने में सफल हो रही है।

नुवामा ने बरकरार रखी होल्ड रेटिंग

एक अन्य ब्रोकरेज हाउस नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने सुजलॉन एनर्जी पर अपनी 'होल्ड' रेटिंग को बरकरार रखा है। इसका तात्पर्य है कि वे निवेशकों को वर्तमान निवेश को बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन नई खरीदारी के लिए अत्यधिक उत्साहित नहीं हैं।

क्या करना चाहिए निवेशकों को

वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि सुजलॉन एनर्जी के फंडामेंटल मजबूत हैं। कंपनी का प्रदर्शन, ऑर्डर बुक, डिलीवरी का अनुमान और बैलेंस शीट सभी सकारात्मक संकेत दे रहे हैं। हालांकि, हालिया रैली और शेयर के मूल्य में वृद्धि को देखते हुए निवेशकों को नए निवेश में सतर्कता बरतनी चाहिए।

जियोजित और नुवामा जैसे ब्रोकरेज फर्मों की रेटिंग यह संकेत करती है कि कंपनी लंबी अवधि के लिए एक मजबूत निवेश विकल्प हो सकती है, लेकिन अल्पकालिक लाभ के लिए थोड़ी संयम बरतने की जरूरत है।

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