सुलतानपुर में स्थानीय सड़क-परिवहन निगम को यात्रियों की संख्या में भारी कमी के चलते आर्थिक घाटे का सामना करना पड़ रहा है। मेले जैसे अवसरों पर यात्रियों की संख्या बड़ी होती थी, लेकिन अब निजी वाहन और अन्य माध्यमों के बढ़ते उपयोग के कारण निगम की बसें खाली चली जा रही हैं।
खासकर कुंभ मेला के बाद बसों में कम भीड़ आने का असर स्पष्ट हुआ है।
इस स्थिति का मुख्य कारण यह बताया गया है कि दर्शनों-यात्रा पर आने वाले लोग अब निजी वाहन या अन्य विकल्पों को चुन रहे हैं।
परिवहन विभाग के अनुसार, यदि इस ट्रेंड को नहीं बदला गया तो निगम की हालत और बिगड़ सकती है क्योंकि लागत-चालक और रख-रखाव के खर्च अब प्रति यात्री बहुत अधिक हो चुके हैं।
खबर के मुताबिक, मेले-त्योहार (विशेषकर Kumbh Mela) के बाद बसों में यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है।
निजी वाहन और अन्य विकल्पों (टैक्सी, निजी बसें आदि) के उपयोग में वृद्धि के कारण सार्वजनिक बस सेवाओं की उपयोगिता कम हुई है।
एक स्रोत में बताया गया है कि पुरानी स्थिति में प्रतिदिन 10-11 लाख रुपये तक राजस्व हो रहा था, लेकिन अब यह घटकर 8-9 लाख रुपये के आसपास आ गया है।
कुछ मामलों में अधिकारी-प्रशासन द्वारा अनधिकृत बस अदला-बदली के कारण भी निगम को करीब ₹10 करोड़ से अधिक का राजस्व नुकसान हुआ है।












