तालिबान ने अफगानिस्तान में चार साल से सत्ता में रहते हुए अगवा ब्रिटिश नागरिकों पीटर और बार्बी रेनॉल्ड्स को रिहा किया। रिहाई कतर की मध्यस्थता से संभव हुई।
दुबई: अफगानिस्तान में करीब 4 साल से सत्ता में काबिज आतंकी संगठन तालिबान ने अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि (international image) सुधारने के प्रयास तेज कर दिए हैं। इसी कड़ी में तालिबान ने शुक्रवार को महीनों से अगवा किए गए दो ब्रिटिश नागरिकों को बिना शर्त रिहा किया। यह कदम इस बात का संकेत है कि तालिबान अंतरराष्ट्रीय मान्यता (international recognition) और समर्थन हासिल करने के लिए अपने व्यवहार में बदलाव लाने की कोशिश कर रहा है।
रिहाई का कारण: अंतरराष्ट्रीय मान्यता की तलाश
तालिबान का शासन पहले अपहरण, हिंसा और आतंकवाद (terrorism) के लिए जाना जाता था। लेकिन सत्ता में आने के बाद, उसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता और समर्थन हासिल करने की दिशा में कदम उठाए हैं। अधिकारियों के अनुसार, ब्रिटिश दंपत्ति की रिहाई इसी रणनीति का हिस्सा है। तालिबान ने अब यह संदेश देना चाहा कि वह एक जिम्मेदार (responsible) सरकार बनने की ओर बढ़ रहा है।
कौन थे अगवा ब्रिटिश नागरिक
पीटर रेनॉल्ड्स (80 वर्ष) और बार्बी रेनॉल्ड्स (75 वर्ष) को तालिबान ने पिछले सात महीनों से हिरासत में रखा था। यह दंपत्ति पिछले 18 वर्षों से अफगानिस्तान में रह रहे थे और बामियान प्रांत में एक शिक्षा और प्रशिक्षण (education and training) संगठन चला रहे थे। उन्होंने तालिबान के सत्ता में आने के बावजूद अफगानिस्तान में रहने का निर्णय लिया।
रिहाई से पहले ब्रिटेन में इनके परिवार ने लगातार सरकार और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उनकी सुरक्षा और रिहाई की मांग की। परिवार ने आरोप लगाया कि तालिबान की हिरासत में रहते हुए दंपत्ति को दुर्व्यवहार (mistreatment) का सामना करना पड़ा और उन्हें बिना किसी स्पष्ट आरोप के हिरासत में रखा गया।
रिहाई में मदद: कतर की मध्यस्थता
ब्रिटिश नागरिकों की रिहाई में खाड़ी देश कतर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कतर ने अमेरिका और तालिबान के बीच वार्ता में मध्यस्थता (mediation) की थी और इसके परिणामस्वरूप दंपत्ति को शुक्रवार को अफगानिस्तान से रवाना किया गया। एक राजनयिक ने गुमनाम रहने की शर्त पर बताया कि रिहाई पूरी प्रक्रिया में कतर की मदद से संभव हुई।
तालिबान की नई रणनीति
तालिबान ने हाल के वर्षों में यह दिखाने की कोशिश की है कि वह अब केवल आतंकवादी संगठन नहीं है बल्कि अफगानिस्तान की सत्ता में एक सरकार के रूप में स्थापित होना चाहता है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तालिबान की छवि सुधारने और विदेशी निवेश, मान्यता और आर्थिक सहयोग हासिल करने के प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि ब्रिटिश नागरिकों को रिहा करना इस रणनीति का पहला बड़ा कदम है, जिसमें तालिबान ने यह संदेश देने की कोशिश की कि वह अब हिंसा और अपहरण के बजाय राजनयिक (diplomatic) समाधान की ओर बढ़ रहा है।
तालिबान की हिरासत में रहते हुए पीटर और बार्बी रेनॉल्ड्स का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा था। जुलाई में संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि दंपत्ति अपूरणीय क्षति या मृत्यु के खतरे में थे। अब उनकी रिहाई के बाद उन्हें चिकित्सा (medical) सहायता और सुरक्षा प्रदान की जा रही है।