किरण रिजिजू ने एक्स पोस्ट में बताया कि भारत एकजुट है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेशी दौरे पर जाकर आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का संदेश देंगे। यह राष्ट्रीय एकता और राजनीति से ऊपर का संदेश होगा।
New Delhi: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को वैश्विक मंचों पर बेनकाब करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। देश की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां अब इस अभियान में साथ आ गई हैं। भारत ने सात सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विश्व के प्रमुख देशों में भेजने का फैसला किया है, जिनका मकसद आतंकवाद के खिलाफ भारत की 'जीरो टॉलरेंस' नीति का कड़ा संदेश दुनिया तक पहुंचाना है।
किरण रिजिजू ने दी जानकारी
संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने इस महत्वपूर्ण पहल की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर दी। उन्होंने लिखा,"सबसे अहम पलों में भारत एकजुट खड़ा होता है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे और आतंकवाद के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' का साझा संदेश वहां ले जाएंगे। यह राजनीति से ऊपर और मतभेदों से परे राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।"
कौन-कौन होंगे प्रतिनिधिमंडल में शामिल?
इस प्रतिनिधिमंडल में देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के बड़े नेता शामिल होंगे, जिनमें नाम हैं:
- शशि थरूर (कांग्रेस)
- रविशंकर प्रसाद (भारतीय जनता पार्टी)
- संजय कुमार झा (जनता दल यूनाइटेड)
- बैजयंत पांडा (भारतीय जनता पार्टी)
- कनीमोई करुणानिधि (DMK)
- सुप्रिया सुले (NCP)
- श्रीकांत शिंदे (शिवसेना)
यह टीम 'टीम इंडिया' के रूप में दुनिया भर में भारत का संदेश ले जाएगी।
किन देशों में जाएगा प्रतिनिधिमंडल?
सूत्रों के मुताबिक यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, कतर और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जैसे देशों का दौरा करेगा। यह दौरा 22 मई के बाद शुरू होने की संभावना है।
यह मिशन खासतौर पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और नागरिक ठिकानों पर हो रहे हमलों को उजागर करने के लिए होगा। इसके जरिए भारत दुनिया को यह दिखाना चाहता है कि वह आतंकवाद से प्रभावित है और इसे किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेगा।
भारत की 'Zero Tolerance' नीति का वैश्विक प्रचार
इस मिशन के जरिए भारत अपनी 'Zero Tolerance' नीति को वैश्विक मंचों पर ले जाना चाहता है। भारत का यह कदम पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ी कूटनीतिक चाल मानी जा रही है। इससे पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घिर सकता है और उसकी आतंकवाद को शह देने वाली नीति को बेनकाब करने में भारत को मदद मिलेगी।
पहली बार राजनीति से ऊपर उठी एकता
यह पहली बार है जब भारत के प्रमुख राजनीतिक दल आतंकवाद जैसे मुद्दे पर एक साथ आए हैं। यह भारत की राजनीति के लिए एक ऐतिहासिक पल है। यह दिखाता है कि आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर भारत पूरी तरह से एकजुट है और देशहित के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठ सकता है।