इजरायल ने ईरान में एयरस्ट्राइक की, जिसके जवाब में ईरान ने 100 ड्रोन से हमला किया। ईरान ने सभी मुस्लिम देशों को एकजुट होने की अपील की, और अमेरिका ने सेना की सुरक्षा बढ़ा दी है।
Israel Iran War: इजरायल की ओर से ईरान में किए गए हालिया एयरस्ट्राइक के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। ईरान ने 100 ड्रोन से जवाबी हमला किया और सभी मुस्लिम देशों से एकजुट होने की अपील की है। अमेरिका ने खुद को इस ऑपरेशन से अलग रखा है लेकिन सतर्कता बढ़ा दी गई है।
इजरायल और ईरान के बीच तनाव
13 जून को इजरायल ने ईरान की धरती पर जो एयरस्ट्राइक की, उसे दोनों देशों के दशकों पुराने टकराव में अब तक की सबसे बड़ी और खतरनाक कार्रवाई माना जा रहा है। इस हमले में करीब 200 इजरायली फाइटर जेट्स ने ईरान के न्यूक्लियर प्लांट्स, मिसाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। तेहरान और नतांज़ जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में बड़े धमाके हुए, जिससे यह संकेत मिला कि हमला बेहद सुनियोजित और टारगेटेड था।
ईरान का जवाब
इस हमले के जवाब में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि इजरायल को इस हमले का गंभीर परिणाम भुगतना होगा। इसी के तहत ईरान ने शुक्रवार की सुबह 100 से अधिक ड्रोन इजरायल की ओर लॉन्च किए। साथ ही, ईरानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर दुनियाभर के मुस्लिम देशों से एकजुट होने और इजरायल के खिलाफ आवाज़ उठाने की अपील की।
क्या दोबारा बन सकती है 'Muslim World Alliance'?
ईरान के इस बयान के बाद सवाल यह उठने लगे हैं कि क्या एक बार फिर मुस्लिम देश इजरायल को चारों तरफ से घेरने की योजना बना सकते हैं, जैसा कि 1973 के यौम किप्पुर युद्ध में देखा गया था। ईरान का कहना है कि यह हमला सिर्फ उसके खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे इस्लामी जगत की अस्मिता और क्षेत्रीय शांति पर हमला है। उसने NAM (गुटनिरपेक्ष आंदोलन) के देशों से भी समर्थन मांगा है।
पहले से थी हमले की तैयारी
जानकारों के मुताबिक यह हमला अचानक नहीं हुआ। पिछले कई महीनों से दोनों देशों के बीच तनाव तेज़ी से बढ़ रहा था। इजरायली खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के पास इतना Highly Enriched Uranium जमा हो चुका था कि वह कुछ ही दिनों में 15 परमाणु बम बना सकता था।
ईरान की सफाई: शांतिपूर्ण है हमारी न्यूक्लियर नीति
ईरान ने इजरायल के इस आरोप को सिरे से खारिज किया है। ईरान का कहना है कि उसकी न्यूक्लियर गतिविधियां पूरी तरह शांतिपूर्ण हैं और उसका उद्देश्य किसी भी प्रकार का हथियार निर्माण नहीं है। इसके साथ ही ईरान ने इजरायल पर आक्रामकता, साजिश और क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाने का आरोप लगाया है। ईरान ने यह भी कहा कि उसकी सैन्य गतिविधियों में हिज़्बुल्ला और हमास जैसे संगठन उसकी रणनीतिक मजबूती का हिस्सा हैं, जिससे इजरायल को असुरक्षा महसूस होती है।