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कैंची धाम स्थापना दिवस 2025: नीम करोली बाबा के चरणों में अर्जी लगाने का पावन अवसर

कैंची धाम स्थापना दिवस 2025: नीम करोली बाबा के चरणों में अर्जी लगाने का पावन अवसर

हर वर्ष 15 जून का दिन एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा लेकर आता है, जब उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम में हजारों श्रद्धालु एकत्र होते हैं। यह दिन उस पावन स्थान के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे स्वयं नीम करोली बाबा ने अपने तप, त्याग और करुणा से सिद्ध किया था। 2025 में यह स्थापना दिवस और भी विशेष है, क्योंकि यह कैंची धाम का 61वां स्थापना उत्सव होगा। इस अवसर पर बाबा के भक्तों को न केवल भव्य दर्शन का सौभाग्य मिलता है, बल्कि अपने जीवन की परेशानियों से मुक्ति के लिए बाबा के चरणों में अर्जी लगाने का अवसर भी।

नीम करोली बाबा: प्रेम, विश्वास और करुणा के प्रतीक

नीम करोली बाबा, जिन्हें लोग स्नेह से बाबा नीब करौरी भी कहते हैं, एक ऐसे संत थे जिन्होंने बिना किसी प्रचार के, सच्चे भक्ति मार्ग का अनुसरण कर हजारों लोगों के जीवन को दिशा दी। उनका जीवन सेवा, ध्यान, और मौन साधना से परिपूर्ण था। बाबा ने सिखाया कि सच्ची भक्ति किसी दिखावे में नहीं, बल्कि सरलता, सच्चाई और श्रद्धा में होती है।

बाबा के भक्तों में आमजन से लेकर विदेशी हस्तियां भी शामिल रहीं, जिनमें प्रसिद्ध एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग और हॉलीवुड सेलेब्रिटीज भी शामिल हैं। ये सभी बाबा की आध्यात्मिक शक्ति से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपने जीवन को नए तरीके से देखा और समझा।

कैंची धाम की स्थापना: एक दिव्य संयोग

कैंची धाम की स्थापना वर्ष 1964 में बाबा नीम करोली द्वारा की गई थी। यह आश्रम नैनीताल जिले में बिनसर और अल्मोड़ा के बीच, पहाड़ों की गोद में एक अत्यंत सुंदर स्थान पर स्थित है। “कैंची” शब्द का अर्थ है — दो पहाड़ियों के बीच की घाटी, जो एक कैंची के आकार की भांति दिखाई देती है।

बाबा ने यहां हनुमान जी के मंदिर की स्थापना की, क्योंकि वे स्वयं हनुमान जी के परम भक्त थे। ऐसा माना जाता है कि बाबा ने इस स्थान को सिद्ध करके इसे आध्यात्मिक जागरण का केंद्र बनाया, और तभी से यह जगह लाखों लोगों की श्रद्धा और आस्था का केंद्र बन गई।

कैंची धाम स्थापना दिवस 2025: कब और कैसे मनाया जाएगा?

2025 में कैंची धाम का स्थापना दिवस 15 जून, रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन बाबा के भक्त दूर-दूर से आकर आश्रम में जुटते हैं। आश्रम को रंग-बिरंगे फूलों, दीपों और ध्वजों से सजाया जाता है। विशेष पूजन, भंडारा और हनुमान चालीसा के पाठ होते हैं।

श्रद्धालु पूरी श्रद्धा से बाबा को धन्यवाद कहते हैं और अपने जीवन की मनोकामनाओं को लेकर बाबा के चरणों में अर्जी लगाते हैं। यह दिन न केवल एक उत्सव होता है, बल्कि एक आध्यात्मिक जागरण का अनुभव भी देता है।

नीम करोली बाबा से कैसे लगाएं अर्जी?

बाबा के भक्त मानते हैं कि यदि सच्चे मन से बाबा के चरणों में प्रार्थना की जाए तो बाबा अवश्य सुनते हैं। अर्जी लगाने का तरीका कोई विशेष कर्मकांड नहीं, बल्कि भक्ति और सच्ची भावना है। आप निम्न उपाय कर सकते हैं:

  1. सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. बाबा की तस्वीर के सामने दीप जलाएं और फूल अर्पित करें।
  3. 'ॐ श्री नीम करोली बाबाय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें।
  4. मन में अपनी प्रार्थना को बाबा के चरणों में अर्पित करें। बोलें नहीं, दिल से कहें।
  5. बाबा से जीवन की परेशानियों से मुक्ति और मार्गदर्शन की प्रार्थना करें।

कैंची धाम यात्रा का महत्व

कहते हैं कि बाबा के कैंची धाम में एक बार आने से जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन अवश्य आता है। यहां की वायु, वातावरण और बाबा की ऊर्जा लोगों को नई आशा, दिशा और आत्मविश्वास प्रदान करती है।

यहां आने वाले श्रद्धालु केवल दर्शन के लिए नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा ग्रहण करने आते हैं। विशेषत: स्थापना दिवस पर तो ऐसा लगता है जैसे पूरा धाम एक दिव्य प्रकाश से आलोकित हो उठा हो।

कैंची धाम स्थापना दिवस केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक पर्व है — जहां भक्त और भगवान का संबंध और गहरा होता है। नीम करोली बाबा के चरणों में जो भी श्रद्धा से अर्जी लगाता है, उसकी पुकार अनसुनी नहीं जाती।

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