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UP: न्यायिक मामलों के तेजी से निपटान पर मुख्यमंत्री योगी ने उठाए अहम कदम, सुशासन को दी प्राथमिकता

UP: न्यायिक मामलों के तेजी से निपटान पर मुख्यमंत्री योगी ने उठाए अहम कदम, सुशासन को दी प्राथमिकता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने UP Judicial Officers 42वें Conclave में कहा कि सुगम और त्वरित न्यायिक व्यवस्था से सुशासन और जनता की खुशहाली सुनिश्चित होगी। मामले निस्तारण में तेजी लाने पर जोर।

UP Judicial Officers 42nd Conclave: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के 42वें Conclave का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों के साथ दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। न्यायिक सेवा संघ के अध्यक्ष डीके सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।

सुगम और त्वरित न्यायिक व्यवस्था पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राज्य के विकास और perception के लिए न्यायपालिका की भूमिका अहम होती है। न्याय सुगम और त्वरित होना चाहिए ताकि प्रदेश में सुशासन स्थापित हो सके। उन्होंने कहा, “विकसित भारत की शुरुआत अपनी इकाई से करनी होगी। न्याय सुगम के साथ त्वरित होना चाहिए। विकसित यूपी ही विकसित भारत के लिए आवश्यक है।”

वर्ष 2024 में निस्तारित और लंबित मामले

योगी आदित्यनाथ ने बताया कि वर्ष 2024 में उत्तर प्रदेश के जनपद ट्रायल कोर्ट में 72 लाख मामले निस्तारित हुए। इसके बावजूद एक करोड़ 15 लाख से ज्यादा मामले लंबित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब ज्यादा से ज्यादा मामले निस्तारित हो रहे हैं और इसका सकारात्मक परिणाम प्रदेश में दिख रहा है।

सुदृढ़ न्यायिक व्यवस्था और समग्र खुशहाली

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यायपालिका को विकसित भारत के विकास से जोड़ा है। सुदृढ़ न्यायिक व्यवस्था से प्रदेश की समग्र खुशहाली सुनिश्चित होगी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा हाई कोर्ट है और प्रयागराज मुख्यपीठ का केंद्र है। उन्होंने इसे “न्यायिक अफसरों का महाकुंभ” बताया।

नए कानूनों का लागू होना

योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 1 जुलाई 2024 से तीन नए कानून लागू किए गए हैं: भारतीय आपराधिक संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभिक कठिनाइयों के बावजूद न्यायिक अधिकारियों ने इन कानूनों को तत्परता से लागू किया, जिससे ये कानून न्याय की सुदृढ़ व्यवस्था पर केंद्रित साबित हुए।

न्यायिक अवसंरचना में सुधार

मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में न्यायाधीशों के आवास निर्माण की स्वीकृति, लखनऊ में 117 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति और भवनों के रखरखाव के लिए 44.91 करोड़ रुपये जारी होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जनपद न्यायालयों में ट्रिब्यूनल और मोटर एक्सीडेंट से जुड़े न्यायालयों के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया जा रहा है।

न्यायिक अधिकारियों के वेतन और सुविधाएँ

योगी आदित्यनाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश में न्यायिक अधिकारियों के वेतन और भत्तों के लिए 1092 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। न्यायिक अधिकारियों के लिए 14.92 करोड़ रुपये की लागत से स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और 2.36 करोड़ रुपये की लागत से ऑडिटोरियम का निर्माण किया जा रहा है। रखरखाव के लिए 81 करोड़ रुपये और डॉ राजेंद्र करोड़ विधि विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए 387 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

न्यायालयों में तकनीकी सुधार

मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायालयों में आधुनिक तकनीकी प्रणाली और डेटा वेस (AAI) का इस्तेमाल किया जाएगा। डिजिटल और ई-फॉरेंसिक तकनीक के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक सुगम और पारदर्शी बनाया जाएगा।

न्यायिक अधिकारी कूलिंग और वातानुकूलन

योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक अधिकारियों के लिए कूलिंग और एयरकंडीशनर की सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि न्यायालय में काम का माहौल न्यायिक अधिकारियों के लिए बेहतर होना चाहिए।

न्यायिक सेवा संघ के अध्यक्ष का विवरण

अध्यक्ष डीके सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में दस लाख लोगों पर दस न्यायाधीश हैं। प्रत्येक न्यायाधीश के पास औसतन 4500 मामले लंबित हैं और 2350 मामले उन्होंने निस्तारित किए हैं। यूपी राज्य सबसे ज्यादा केस निस्तारण करने वाला राज्य है। अध्यक्ष ने महिला न्यायिक अधिकारियों और 2005 के बाद नियुक्त न्यायिक अधिकारियों के लिए विशेष सुरक्षा और सुविधा की मांग की। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में न्यायिक अधिकारियों के लिए कूलिंग और एयरकंडीशनिंग की व्यवस्था होनी चाहिए।

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