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UP Politics: सपा से निष्कासित विधायकों पर विधानसभा का बड़ा फैसला, असंबद्ध घोषित कर मंत्री बनने की राह हुई आसान

UP Politics: सपा से निष्कासित विधायकों पर विधानसभा का बड़ा फैसला, असंबद्ध घोषित कर मंत्री बनने की राह हुई आसान

उत्तर प्रदेश विधानसभा ने सपा से निष्कासित तीन विधायकों को असंबद्ध घोषित किया। अब ये विधायक स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकेंगे और मंत्री बनने में आ रही तकनीकी अड़चन दूर हो गई है।

UP Politics: उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित तीन विधायकों राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह और मनोज पांडेय को लेकर अहम फैसला लिया है। अब इन तीनों को सदन में "असंबद्ध" (Unattached) सदस्य घोषित कर दिया गया है। इसका सीधा असर यह होगा कि ये विधायक अब किसी भी दल से औपचारिक रूप से जुड़े नहीं रहेंगे और स्वतंत्र रूप से कार्यवाही में भाग लेंगे।

अध्यक्ष की ओर से जारी हुआ औपचारिक आदेश

विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि यह सूचना समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा 5 जुलाई 2025 को भेजे गए पत्र के आधार पर दी गई है। इस पत्र में बताया गया था कि तीनों विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है और वे अब सपा के किसी पद पर नहीं हैं।

इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष द्वारा 9 जुलाई 2025 से इन्हें विधान सभा में असंबद्ध सदस्य घोषित किया गया है। सचिवालय के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे द्वारा हस्ताक्षरित इस पत्र को सभी संबंधित पक्षों को सूचित किया गया है।

क्या होता है "असंबद्ध" विधायक घोषित होना

"असंबद्ध" यानी Unattached विधायक का अर्थ होता है कि अब वह सदस्य किसी भी राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व नहीं करता। सदन में उसकी स्थिति निर्दलीय विधायक जैसी होती है। उसे किसी पार्टी की लाइन का पालन नहीं करना होता और वह सरकार या विपक्ष में अपनी स्थिति स्वतंत्र रूप से तय कर सकता है।

अब मंत्री पद की राह क्यों हुई आसान

राजनीतिक और संवैधानिक दृष्टिकोण से देखें तो कोई विधायक यदि एक दल से निर्वाचित होकर आता है और बाद में उसी कार्यकाल में किसी अन्य दल की सरकार में शामिल होना चाहता है, तो उस पर दल-बदल कानून (Anti-Defection Law) लागू हो सकता है। इससे बचने के लिए जरूरी होता है कि वह पहले अपनी मूल पार्टी से निष्कासित हो और फिर विधानसभा द्वारा उसे असंबद्ध घोषित कर दिया जाए।

अखिलेश यादव की रणनीति

जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से पत्रकारों ने पूछा कि उन्होंने इन तीनों विधायकों को निष्कासित क्यों किया, तो उन्होंने खुलकर जवाब दिया। अखिलेश ने कहा कि जब भी ये विधायक भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संपर्क में जाते थे, तो उन्हें यह कहकर वापस कर दिया जाता था कि आप अभी भी सपा के सदस्य हैं।

अखिलेश ने कहा कि अब उन्होंने यह तकनीकी अड़चन हटा दी है। उनका यह बयान न सिर्फ व्यावहारिक दृष्टिकोण को दर्शाता है बल्कि यह भी संकेत देता है कि वे अब इन नेताओं को पार्टी से बाहर निकालकर नई स्थिति के लिए तैयार कर चुके हैं।

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