भाजपा में महेंद्र भट्ट को लगातार दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है, जिससे उनके नेतृत्व पर पार्टी का भरोसा साफ झलकता है। अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया में केवल महेंद्र भट्ट ने ही नामांकन दाखिल किया था, जिस वजह से उनका निर्विरोध निर्वाचन तय माना जा रहा था।
देहरादून: उत्तराखंड भाजपा ने एक बार फिर महेंद्र भट्ट पर भरोसा जताते हुए उन्हें लगातार दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप दी है। मंगलवार को प्रांतीय परिषद की बैठक में केंद्रीय चुनाव अधिकारी हर्ष मल्होत्रा ने उनके निर्विरोध निर्वाचन की औपचारिक घोषणा की। इसके साथ ही महेंद्र भट्ट ने उत्तराखंड भाजपा में लगातार दूसरी बार अध्यक्ष बनने का नया रिकॉर्ड बना लिया है। इससे पहले किसी भी प्रदेश अध्यक्ष को लगातार दो कार्यकाल संभालने का अवसर नहीं मिला था।
महेंद्र भट्ट बने 10वें अध्यक्ष
महेंद्र भट्ट के नामांकन के दौरान संगठन में जबरदस्त एकजुटता दिखाई दी। सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई, जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी समेत तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद थे। भट्ट के नामांकन का प्रस्ताव खुद मुख्यमंत्री धामी ने रखा, जबकि अन्य प्रस्तावकों में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, सांसद अजय भट्ट, केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक समेत 10 से अधिक बड़े नेता शामिल रहे।
चुनाव अधिकारी खजान दास ने जानकारी दी कि भट्ट ने पांच सेट में नामांकन दाखिल किया था, जिस पर 10 अलग-अलग प्रस्तावकों के हस्ताक्षर थे। नामांकन के समय संगठन चुनाव के सह अधिकारी पुष्कर काला, मीरा रतूड़ी, राकेश गिरी समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
भट्ट के अध्यक्ष बनने के साथ ही राष्ट्रीय परिषद के लिए भी सदस्यों का चुनाव पूरा किया गया। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा, सांसद अजय भट्ट, माला राज्यलक्ष्मी शाह, कल्पना सैनी और कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं।
संगठन विस्तार में निभाई अहम भूमिका
महेंद्र भट्ट के पहले कार्यकाल के दौरान भाजपा ने उत्तराखंड में कई चुनावों में सफलता हासिल की। संगठन को बूथ स्तर तक मजबूती देने में उनकी रणनीति और अनुभव का लाभ मिला। भट्ट ने न केवल नए कार्यकर्ताओं को जोड़ा बल्कि पुराने नेताओं के अनुभव का भी बेहतरीन इस्तेमाल कर संगठन को गतिशील बनाए रखा। यही कारण है कि पार्टी ने आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के मद्देनजर फिर उन्हीं के हाथों में संगठन की कमान सौंपना बेहतर समझा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भट्ट के दोबारा निर्विरोध निर्वाचन पर कहा, महेंद्र भट्ट के नेतृत्व में संगठन ने बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। सामान्य कार्यकर्ता से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक उनकी यात्रा प्रेरणादायक है। उम्मीद है, उनके अनुभव और समन्वय कौशल से आने वाले चुनावों में भी भाजपा को सफलता मिलेगी।
वहीं, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने कहा, भाजपा में लोकतांत्रिक परंपरा के तहत संगठनात्मक चुनाव पूरी पारदर्शिता से होते हैं। महेंद्र भट्ट का दोबारा अध्यक्ष चुना जाना कार्यकर्ताओं के विश्वास का प्रमाण है।
भविष्य की चुनौती और उम्मीदें
महेंद्र भट्ट के सामने बतौर प्रदेश अध्यक्ष दूसरी पारी में कई अहम चुनौतियां रहेंगी। 2025 के विधानसभा उपचुनाव और 2026 के स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी में संगठन को और धार देना उनका प्रमुख लक्ष्य होगा। साथ ही पार्टी नेतृत्व ने यह संकेत भी दे दिया है कि बूथ स्तर पर फिर से मजबूत नेटवर्क खड़ा करना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी होगी।
भट्ट ने अध्यक्ष बनने के बाद कहा, “यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि पार्टी ने फिर मुझ पर विश्वास जताया। मैं सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं के सहयोग से संगठन को और अधिक ऊर्जावान बनाने का प्रयास करूंगा। भट्ट की लगातार दूसरी ताजपोशी यह भी दर्शाती है कि प्रदेश भाजपा फिलहाल नेतृत्व में स्थिरता चाहती है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि महेंद्र भट्ट जमीनी स्तर की नब्ज को बखूबी पहचानते हैं, और यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है।