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वैश्विक मिसाइल रक्षा में चीन ने अमेरिका को छोड़ा पीछे, तैयार किया Planet-Wide Defence System

वैश्विक मिसाइल रक्षा में चीन ने अमेरिका को छोड़ा पीछे, तैयार किया Planet-Wide Defence System

चीन ने Planet-Wide Defence System विकसित किया, जो 1,000 मिसाइलों की निगरानी कर सकता है। अमेरिका का गोल्डन डोम प्रोजेक्ट अभी विकास में है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह चीन को वैश्विक रक्षा में बढ़त देगा।

World Update: रक्षा के क्षेत्र में चीन ने एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए अपनी तरह की पहली वैश्विक मिसाइल डिफेंस प्रणाली विकसित की है। इस प्रणाली को "Distributed Early Warning Detection Big Data Platform" कहा जा रहा है, जो दुनिया भर में संभावित मिसाइल हमलों की निगरानी करने में सक्षम है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह प्रणाली एक साथ 1,000 मिसाइलों पर नजर रख सकती है और संभावित खतरों का तुरंत विश्लेषण कर सकती है।

चीन की यह प्रणाली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के 'गोल्डन डोम' प्रोजेक्ट के समान है, लेकिन इसके विकास के प्रारंभिक चरणों में ही चीन ने अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। 

अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन का सपना

साल 1983 में अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने शीत युद्ध के दौरान "स्टार वार्स" नामक 'रणनीतिक रक्षा पहल' (Strategic Defense Initiative) की घोषणा की थी। उन्होंने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने और नष्ट करने वाली प्रणाली की कल्पना की थी। रीगन ने कहा था कि इस प्रणाली से अमेरिकी शहरों और नागरिकों को परमाणु हमले से सुरक्षा मिलेगी। हालांकि, सोवियत संघ के 1991 में पतन और तकनीकी सीमाओं के कारण यह विजन पूरी तरह साकार नहीं हो पाया।

ट्रंप ने रीगन के सपने को आगे बढ़ाया

करीब चार दशकों बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने रीगन के सपने को आगे बढ़ाया। मई 2025 में ट्रंप ने 'गोल्डन डोम' मिसाइल शील्ड का प्रस्ताव रखा। यह बहुस्तरीय मिसाइल रक्षा प्रणाली अमेरिका, अलास्का और हवाई में फैली होगी और इसमें एक उपग्रह आधारित लेयर और तीन जमीन आधारित लेयर शामिल हैं। अनुमानित लागत 175 अरब डॉलर है। इसके तहत 11 छोटी दूरी की बैटरियां और एआई-सक्षम निगरानी प्रणाली शामिल होगी, जो अमेरिका को संभावित मिसाइल हमलों से सुरक्षित रखने में मदद करेगी।

चीन ने विकसित किया अपना प्रोटोटाइप

इस बीच, चीन के वैज्ञानिकों ने अपनी वैश्विक मिसाइल डिफेंस प्रणाली का प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रणाली अंतरिक्ष, समुद्र, हवा और जमीन पर विभिन्न सेंसरों का उपयोग करती है। यह न केवल मिसाइलों की पहचान करती है, बल्कि उनकी उड़ान पथ और संभावित हमलों का विश्लेषण भी कर सकती है।

नानजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने बताया कि यह प्रोटोटाइप सिस्टम विभिन्न नोड्स में 1,000 तक डेटा प्रोसेसिंग कार्यों को वितरित समानांतर शेड्यूलिंग के माध्यम से कर सकता है। कई प्रारंभिक चेतावनी और पहचान प्रणाली नोड्स पर परीक्षण सफलतापूर्वक किया जा चुका है। इससे चीन को वास्तविक समय में मिसाइलों का विश्लेषण करने और आवश्यक प्रतिक्रिया देने की क्षमता मिलती है।

अमेरिकी गोल्डन डोम प्रोजेक्ट अभी भी विकास में

वहीं, अमेरिका का गोल्डन डोम प्रोजेक्ट अभी तक एक स्पष्ट तकनीकी संरचना स्थापित नहीं कर पाया है। इस प्रणाली का उद्देश्य भूमि, समुद्र, वायु और अंतरिक्ष में फैला एक एकीकृत, एआई-सक्षम मिसाइल रक्षा नेटवर्क बनाना है, लेकिन चीन के Planet-Wide Defence System ने तकनीकी और रणनीतिक रूप से अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है।

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