विंबलडन 2025 में सर्बिया के 38 वर्षीय दिग्गज टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने अब तक कोर्ट पर शानदार प्रदर्शन किया है। 5 जुलाई को उन्होंने अपने ही देश के खिलाड़ी मिओमिर केकमानोविच के खिलाफ तीसरे राउंड में सीधी जीत दर्ज की और करियर की एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली।
स्पोर्ट्स न्यूज़: विंबलडन 2025 में सर्बिया के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने एक और ऐतिहासिक मुकाम हासिल कर लिया है। 38 साल के जोकोविच ने अपने हमवतन मिओमिर केकमानोविच को हराते हुए विंबलडन में 100 जीतों का शतक पूरा कर लिया, और ऐसा करने वाले वह दुनिया के सिर्फ तीसरे खिलाड़ी बन गए हैं।
ऑल इंग्लैंड क्लब में खेले गए तीसरे दौर के मुकाबले में जोकोविच ने केकमानोविच को 6-3, 6-0, 6-4 से हराया। इस जीत के साथ न केवल उन्होंने चौथे दौर में अपनी जगह पक्की की, बल्कि विंबलडन इतिहास में 100 जीत का कीर्तिमान भी रच दिया।
नवरातिलोवा, फेडरर के क्लब में शामिल हुए जोकोविच
नोवाक जोकोविच से पहले केवल दो खिलाड़ी ही विंबलडन में 100 या उससे अधिक जीत दर्ज कर सके हैं — महिला वर्ग की महान खिलाड़ी मार्टिना नवरातिलोवा (120 जीत) और पुरुष वर्ग में दिग्गज रोजर फेडरर (105 जीत)। अब इस गौरवशाली सूची में नोवाक जोकोविच ने भी अपना नाम दर्ज करा लिया है।
जोकोविच के नाम पहले से ही सात विंबलडन खिताब हैं और वह ऑल इंग्लैंड क्लब में पिछले 8 वर्षों में जबरदस्त प्रदर्शन करते आए हैं। इस दौरान वह केवल एक बार, पिछले साल कार्लोस अल्कारेज के खिलाफ फाइनल में पराजित हुए थे।
100वीं जीत पर बोले जोकोविच — ‘यह मेरा घर जैसा है’
अपनी ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद नोवाक ने कहा, विंबलडन मेरा पसंदीदा टूर्नामेंट है। यहां हर जीत मेरे लिए खास रही है। 100 जीत पूरी करना मेरे करियर का बेहतरीन लम्हा है और इसके लिए मैं कोर्ट, फैंस और अपने परिवार का धन्यवाद करता हूं। यह कोर्ट मेरे लिए घर जैसा है। जोकोविच की फॉर्म देखकर ऐसा लग रहा है कि वह इस बार भी खिताब के प्रबल दावेदार हैं। अगले दौर में उनका मुकाबला 11वें वरीय ऑस्ट्रेलियाई एलेक्स डी मिनाउर से होगा, जो अपने तेज फुटवर्क और आक्रामक शैली के लिए जाने जाते हैं।
भांबरी-गैलोवे की जोड़ी ने भी किया कमाल
विंबलडन 2025 में भारत के युकी भांबरी ने भी डबल्स में शानदार प्रदर्शन किया। भांबरी ने अपने अमेरिकी जोड़ीदार रॉबर्ट गैलोवे के साथ मिलकर प्री-क्वार्टरफाइनल में प्रवेश कर लिया है। भांबरी-गैलोवे की 16वीं वरीय जोड़ी ने पुर्तगाल के नूनो बोर्गेस और अमेरिका के मार्कोस गिरोन को 6-3, 7-6 (8-6) से शिकस्त दी। भले ही भारत का एकल में प्रतिनिधित्व कमजोर रहा हो, लेकिन डबल्स में भांबरी ने उम्मीद जगाई है।
नोवाक जोकोविच का यह कीर्तिमान उनके 24 ग्रैंड स्लैम खिताबों की सूची में और अधिक चमक जोड़ता है। विंबलडन में उनकी निरंतरता और कोर्ट पर मानसिक मज़बूती दुनिया भर के टेनिस प्रेमियों को प्रेरित करती है। अब सवाल यह है कि क्या जोकोविच इस टूर्नामेंट में अपना आठवां विंबलडन खिताब जीतकर रोजर फेडरर की बराबरी कर पाएंगे? अगर जोकोविच इस फॉर्म में खेलते रहे, तो फेडरर का रिकॉर्ड टूटना तय है।
विंबलडन के चौथे दौर में जोकोविच और डी मिनाउर का मुकाबला काफी दिलचस्प रहने वाला है। डी मिनाउर की तेजी और आक्रामकता जोकोविच के अनुभव और धैर्य की कड़ी परीक्षा लेगी।