RCB के तेज गेंदबाज यश दयाल को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। यौन उत्पीड़न के आरोप में दर्ज एफआईआर के बावजूद हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इस फैसले के बाद यश दयाल को फिलहाल राहत मिली है और वह गिरफ्तारी से सुरक्षित रहेंगे।
Yash Dayal: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपित क्रिकेटर यश दयाल की गिरफ्तारी पर अस्थायी रोक लगा दी है। 27 वर्षीय तेज गेंदबाज यश दयाल पर आरोप है कि उन्होंने शादी का झांसा देकर एक महिला का पांच साल तक शारीरिक और मानसिक शोषण किया। दयाल के खिलाफ 6 जुलाई को गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में BNS की धारा 69 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
क्या है पूरा मामला?
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के तेज गेंदबाज यश दयाल पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए हैं। गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में 6 जुलाई 2025 को महिला ने यश दयाल के खिलाफ BNS की धारा 69 के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। महिला का आरोप है कि यश दयाल ने शादी का झांसा देकर 5 साल तक उसका यौन शोषण किया।
महिला का दावा है कि उनकी मुलाकात करीब 5 साल पहले यश दयाल से हुई थी। आरोप है कि क्रिकेटर ने शादी का वादा कर बार-बार समय टालते हुए उनका शारीरिक शोषण किया और बाद में पता चला कि वह अन्य महिलाओं के साथ भी रिश्ते में था।
यश दयाल का पक्ष क्या है?
यश दयाल ने खुद को इस पूरे मामले में फंसाए जाने का आरोप लगाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने मांग की थी कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द की जाए। यश दयाल ने यह भी कहा कि यह मामला बदले की भावना से प्रेरित है और वह निर्दोष हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच - जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अनिल कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान महत्वपूर्ण टिप्पणियां कीं।
कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा, आपको एक दिन, दो दिन, तीन दिन तक मूर्ख बनाया जा सकता था, लेकिन पांच साल? कोई भी व्यक्ति पांच साल तक मूर्ख नहीं बन सकता। कोर्ट की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बनी हुई है। कोर्ट ने साफ किया कि जब तक अगली सुनवाई नहीं हो जाती, तब तक यश दयाल की गिरफ्तारी नहीं होगी।
क्या है BNS की धारा 69?
BNS (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 69 धोखे से प्राप्त किए गए यौन संबंध से जुड़ी है। इसका सीधा तात्पर्य है कि यदि कोई व्यक्ति शादी या किसी अन्य झूठे वादे के आधार पर किसी महिला से संबंध बनाता है, तो इसे अपराध की श्रेणी में रखा जाता है। इसी धारा के तहत यश दयाल के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। कोर्ट ने यश दयाल को अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी से राहत दी है। अगली सुनवाई की तारीख तय होने तक पुलिस यश दयाल के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं कर सकेगी।
महिला का क्या आरोप है?
- 5 साल पहले मुलाकात
- शादी का झूठा वादा
- बार-बार शादी टालना
- अन्य महिलाओं के साथ भी संबंध होने की जानकारी
महिला के अनुसार, यश दयाल ने लंबे समय तक संबंध बनाए रखे और उसे यह विश्वास दिलाया कि वह उससे शादी करेगा। लेकिन बाद में जब उसने अन्य रिश्तों के बारे में जाना तो उसने पुलिस में शिकायत की।