Inactive Accounts: आरबीआई से Inactive Bank Accounts पर SBI की मांग, क्या बिना पैसों के लेन-देन से एक्टिव रहेगा अकाउंट?

Inactive Accounts: आरबीआई से Inactive Bank Accounts पर SBI की मांग, क्या बिना पैसों के लेन-देन से एक्टिव रहेगा अकाउंट?
Last Updated: 12 घंटा पहले

देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन सी.एस. शेट्टी ने बैंकिंग सेक्टर से जुड़ा एक अहम मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं के तहत खोले गए खातों में सीमित लेन-देन की वजह से ये खाते अक्सर निष्क्रिय हो जाते हैं। 

Inactive Accounts: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने निष्क्रिय खातों को सक्रिय रखने की प्रक्रिया में सुधार के लिए आरबीआई से नियमों में बदलाव की अपील की है। देश के सबसे बड़े बैंक ने सुझाव दिया है कि बैलेंस चेक, पासबुक अपडेट जैसे गैर-वित्तीय लेनदेन को भी खाता सक्रिय बनाए रखने के लिए मान्य माना जाना चाहिए। यह कदम उन खातों को सक्रिय रखने में मदद करेगा जिनका उपयोग सीमित वित्तीय लेनदेन के लिए किया जाता है, खासकर उन खातों में जो सरकारी योजनाओं के तहत खोले गए हैं।

खासकर सरकारी योजनाओं के खातों पर फोकस

एसबीआई के चेयरमैन सी.एस. शेट्टी ने बताया कि बड़ी संख्या में ऐसे खाताधारक हैं, जिन्होंने सरकारी योजनाओं के लाभों का लाभ उठाने के लिए खाते खोले हैं। ये खाताधारक खाते में पैसे जमा करने के बाद बहुत कम बार निकासी करते हैं। आमतौर पर, दो से तीन बार निकासी के बाद ऐसे खाते निष्क्रिय हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति को देखते हुए नियमों में बदलाव बेहद जरूरी है, ताकि खातों को लंबे समय तक सक्रिय रखा जा सके और खाताधारक बैंकिंग सेवाओं का लगातार लाभ उठा सकें।

आरबीआई के सामने उठाया बड़ा मुद्दा

शेट्टी ने यह भी कहा कि एसबीआई ने आरबीआई को यह सुझाव दिया है कि गैर-वित्तीय लेनदेन जैसे बैलेंस चेक और पासबुक अपडेट को खाता सक्रिय रखने के मानकों में शामिल किया जाए। इन लेनदेन के माध्यम से ग्राहक यह दिखाते हैं कि वे अपने खाते के प्रति जागरूक हैं। इस आधार पर ऐसे खातों को निष्क्रिय घोषित करने की बजाय सक्रिय की श्रेणी में रखा जाना चाहिए।

गैर-वित्तीय लेनदेन से जुड़ी जागरूकता

एसबीआई के चेयरमैन ने बताया कि मौजूदा नियम केवल वित्तीय लेनदेन को खाता सक्रिय बनाए रखने के लिए आवश्यक मानते हैं। इसके कारण बहुत सारे खाते "निष्क्रिय" के रूप में चिह्नित हो जाते हैं, भले ही खाताधारक बैंक के साथ अन्य गतिविधियों में भाग ले रहे हों। शेट्टी ने कहा कि गैर-वित्तीय लेनदेन भी इस बात का संकेत है कि ग्राहक अपने खाते का उपयोग कर रहा है और इसे निष्क्रिय घोषित करना अनुचित है।

निष्क्रिय खातों पर एसबीआई का अभियान

आरबीआई ने हाल ही में बैंकों से कहा है कि वे निष्क्रिय खातों की समस्या का समाधान प्राथमिकता के साथ करें। इसके तहत, एसबीआई ने एक विशेष अभियान शुरू किया है, जिसमें निष्क्रिय खातों की पहचान कर उन्हें दोबारा सक्रिय करने पर काम किया जा रहा है। बैंक ने यह भी कहा कि निष्क्रिय खातों की स्थिति पर तिमाही रिपोर्ट आरबीआई को दी जाएगी।

ग्रामीण और वंचित वर्ग को मिलेगी राहत

यह पहल खासकर उन खाताधारकों के लिए फायदेमंद साबित होगी, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और जिनके खाते मुख्यतः सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए खोले गए हैं। बैलेंस चेक और पासबुक अपडेट जैसे लेनदेन के माध्यम से इन खातों को सक्रिय बनाए रखना आसान होगा। इससे न केवल खाताधारकों का बैंकिंग प्रणाली से जुड़ाव मजबूत होगा, बल्कि वे बिना किसी बाधा के अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा कर सकेंगे।

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