Stock Market: शेयर बाजार में मंदी का असर, सेंसेक्स 5.3% और निफ्टी 5.5% गिरा

Stock Market: शेयर बाजार में मंदी का असर, सेंसेक्स 5.3% और निफ्टी 5.5% गिरा
अंतिम अपडेट: 16 घंटा पहले

शेयर बाजार में गिरावट जारी, निफ्टी-सेंसेक्स 16% तक गिरे। फरवरी में निवेशकों को ₹40 लाख करोड़ का नुकसान। बाजार अस्थिर, विशेषज्ञों के अनुसार अगले 2-3 महीने तक और उतार-चढ़ाव संभव।

Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है। लगातार पांच महीनों से बाजार में मंदी देखी जा रही है, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। फरवरी महीने में ही निवेशकों के ₹40 लाख करोड़ डूब चुके हैं। बाजार में अनिश्चितता के कारण कई सेक्टर प्रभावित हुए हैं, और आगे भी गिरावट जारी रहने की आशंका जताई जा रही है।

निफ्टी और सेंसेक्स में भारी गिरावट

शेयर बाजार के प्रमुख इंडेक्स 26 सितंबर 2024 को अपने रिकॉर्ड स्तर पर थे, लेकिन इसके बाद लगातार बिकवाली का दौर देखने को मिला।

निफ्टी 50 अपने 26,277 के रिकॉर्ड हाई से गिरकर 22,124 अंक पर आ चुका है, यानी 16% की गिरावट।
बीएसई सेंसेक्स अपने 85,978 के उच्चतम स्तर से गिरकर 73,198 पर बंद हुआ, यानी 15% की गिरावट।
बैंक निफ्टी भी 54,467 के उच्चतम स्तर से गिरकर 48,344 पर पहुंच गया, यानी 11.25% की गिरावट।

फरवरी में इंडेक्स का प्रदर्शन

फरवरी महीने में विभिन्न इंडेक्स में तेज गिरावट दर्ज की गई।

निफ्टी 50 – 5.5% की गिरावट
बीएसई सेंसेक्स – 5.3% की गिरावट
बैंक निफ्टी – 2.5% की गिरावट
निफ्टी मिडकैप 100 – 11.5% की गिरावट
निफ्टी स्मॉलकैप 100 – 13.3% की गिरावट

मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट आई है, जिससे छोटे निवेशकों को सबसे अधिक नुकसान झेलना पड़ा है।

सबसे ज्यादा गिरने वाले सेक्टर

फरवरी में शेयर बाजार के कई सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुए।

आईटी सेक्टर – 12.4% की गिरावट
एफएमसीजी सेक्टर – 9.9% की गिरावट
पीएसई सेक्टर – 13% की गिरावट
एनर्जी सेक्टर – 11.5% की गिरावट
ऑटो सेक्टर – 9.7% की गिरावट

आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली, जिससे इस सेक्टर के निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।

निवेशकों को ₹40 लाख करोड़ का नुकसान

बाजार में जारी इस गिरावट से बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप भी तेजी से घटा है।

31 जनवरी 2024 को मार्केट कैप ₹424.99 लाख करोड़ था।
28 फरवरी 2024 को यह घटकर ₹384.60 लाख करोड़ रह गया।
यानी सिर्फ फरवरी महीने में ही ₹40 लाख करोड़ की संपत्ति नष्ट हो गई।

आगे और गिरावट आ सकती है?

विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार अभी भी अस्थिर बना हुआ है और इसे स्थिर होने में कुछ और समय लग सकता है। हेलोइस कैपिटल के फाउंडर समीर अरोड़ा का कहना है कि अगले 2-3 महीने तक बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है।

अरोड़ा के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां, वैश्विक अनिश्चितता और टैरिफ वॉर जैसी वजहों से भारतीय शेयर बाजार में दबाव बना हुआ है। हालांकि, यह अस्थिरता कुछ महीनों तक ही रह सकती है, जिसके बाद बाजार में सुधार देखने को मिल सकता है।

बाजार का आउटलुक और संभावनाएं

मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के डायरेक्टर पुनीत सिंघानिया के अनुसार, निफ्टी 50 ने 22,500 का महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल तोड़ दिया है, जो अब एक बड़ी बाधा बन चुका है।

निफ्टी का अगला सपोर्ट लेवल 22,041 के आसपास है।
यदि यह टूटता है, तो निफ्टी 21,700 तक गिर सकता है।
हालांकि, 22,000 के स्तर पर कुछ टेक्निकल बाउंसबैक देखने को मिल सकता है।

लेकिन ओवरऑल ट्रेंड अभी भी "वृद्धि पर बिकवाली" (sell on rise) का बना हुआ है, यानी हर उछाल पर बिकवाली होने की संभावना बनी रहेगी।

शेयर बाजार का PE रेश्यो घटा

बाजार में लगातार जारी गिरावट से शेयरों का वैल्यूएशन भी प्रभावित हुआ है।

सेंसेक्स का प्राइस-टू-अर्निंग (P/E) मल्टीपल अब 20.4 पर आ गया है।
यह मई 2020 के बाद सबसे निचला स्तर है।
कोविड-19 महामारी के समय यह 19.5 गुना तक गिर गया था।
वर्तमान में सेंसेक्स का P/E अपने 10-वर्षीय औसत 23.6 गुना से 14% नीचे चल रहा है।

यह गिरावट 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद सबसे अधिक है। उस समय सेंसेक्स का P/E 34% तक गिर गया था।

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