Adani Group Controversy: सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला, भारत में Adani Group के खिलाफ जांच की मांग तेज

Adani Group Controversy: सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला, भारत में Adani Group के खिलाफ जांच की मांग तेज
Last Updated: 2 घंटा पहले

Adani Indictment News: अडानी ग्रुप पर अमेरिका में लगे ताजा आरोपों का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। शनिवार (23 नवंबर) रात को इस मामले पर एक याचिका दायर की गई, जिसमें कई गंभीर सवाल उठाए गए हैं। याचिका में अदाणी ग्रुप के खिलाफ जांच की मांग की गई और इसकी कानूनी स्थिति पर भी चर्चा की गई।

अमेरिका में गौतम अडानी और उनके ग्रुप के खिलाफ बड़े कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोपों के बाद अब यह मामला भारत के सर्वोच्च अदालत, सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच चुका है। इस ताजा याचिका में कहा गया है कि अमेरिकी कोर्ट के अभियोग और SEC की शिकायत अदाणी ग्रुप के भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं।

अडानी ग्रुप के खिलाफ ताजा याचिका में दावा किया गया है कि यह आरोप बेहद गंभीर हैं और इनकी विस्तृत जांच भारत में की जानी चाहिए। याचिका में देशहित को ध्यान में रखते हुए इस मामले की पारदर्शी जांच की अपील की गई है।

यह याचिका वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर की गई है, जिन्होंने हिंडेनबर्ग रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में पहले भी याचिका दायर की थी, जहां वे प्रमुख याचिकाकर्ता रहे थे।

SEBI की जांच पर सवाल

अडानी ग्रुप के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शुरू हुई SEBI की जांच का अब तक कोई खुलासा नहीं हुआ है, इस पर ताजा याचिका में सवाल उठाए गए हैं। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सेबी द्वारा की जा रही जांच में क्या निष्कर्ष निकले, यह अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है, जिससे मार्केट रेगुलेटर पर भरोसा कम हो रहा है।

मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों की जांच के लिए सेबी को निर्देश दिया था, जिसमें शेयर बाजार में हेरफेर और सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट से जुड़े नियमों के उल्लंघन जैसे आरोप शामिल थे। ताजा याचिका में मांग की गई है कि SEBI द्वारा की जा रही जांच के परिणामों का खुलासा किया जाए।

गौतम अडानी पर रिश्वत के आरोप

ताजा याचिका में गौतम अडानी, सागर अदाणी और विनीत जैन सहित अन्य पर सरकारी अधिकारियों से रिश्वत लेने के आरोप लगाए गए हैं। याचिका में अमेरिकी कोर्ट के अभियोग आदेश का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप पर 265 मिलियन डॉलर (लगभग ₹2,236 करोड़) की रिश्वत का आरोप है। इसके अलावा, याचिका में यह भी कहा गया है कि गौतम अडानी खुद रिश्वत का प्रस्ताव लेकर सरकारी अधिकारियों से मिले थे, जैसा कि अमेरिकी कोर्ट के आदेश में उल्लेख किया गया है।

निवेशकों और बाजार को गुमराह करने का आरोप

ताजा याचिका में आरोप लगाया गया है कि गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीत जैन ने शेयर बाजार और निवेशकों को अमेरिका में चल रही जांच के बारे में गुमराह किया। याचिका के मुताबिक, अमेरिकी कोर्ट के आदेश के अनुसार, गौतम अडानी को मार्च 2023 में अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस द्वारा की जा रही जांच के बारे में जानकारी थी, लेकिन अडानी ग्रुप ने मार्च 2024 में जाकर BSE और NSE को इस संबंध में जानकारी दी। याचिका में इस देरी को निवेशकों और बाजार को जानबूझकर गुमराह करने के प्रयास के रूप में पेश किया गया है।

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