Budget 2025: डिजिटल इंडिया के लिए राहत भरा बजट? इंटरनेट और स्मार्टफोन होंगे किफायती

Budget 2025: डिजिटल इंडिया के लिए राहत भरा बजट? इंटरनेट और स्मार्टफोन होंगे किफायती
Last Updated: 5 घंटा पहले

बजट 2025 से टेलीकॉम सेक्टर को उम्मीद है कि स्मार्टफोन और इंटरनेट सेवाओं की कीमतें घटेंगी, लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा, और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश होगा।

Budget 2025: केंद्रीय बजट 2025 की घोषणा से पहले, टेलीकॉम सेक्टर को उम्मीद है कि सरकार भारत में इंटरनेट सेवाओं और स्मार्टफोन की कीमतों को घटाने के लिए ठोस कदम उठाएगी। यह कदम न केवल डिजिटल पहुंच को और मजबूत करेगा, बल्कि देश के करोड़ों नागरिकों को सस्ती डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराएगा।

सरकार की बजट योजनाओं पर आशावाद

टेलीकॉम सेक्टर के स्टेकहोल्डर्स इस बार उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और ऑपरेशनल खर्चों को कम करने के लिए नीतिगत सुधारों की घोषणा करेगी। इन सुधारों से टेलीकॉम कंपनियों को अधिक पूंजी प्राप्त होगी, जिससे वे ग्राहकों के लिए बेहतर और सस्ती सेवाएं उपलब्ध करा सकेंगी।

भारत बन रहा है मोबाइल निर्माण का ग्लोबल हब

काउंटरपॉइंट रिसर्च के रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक का कहना है कि भारत अब मोबाइल फोन निर्माण के लिए एक ग्लोबल हब बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने बताया कि सरकार ने मोबाइल फोन के कंपोनेंट्स पर आयात शुल्क कम करने और ग्लोबल मैन्युफैक्चरर्स को भारत में निवेश करने के लिए इंसेंटिव स्कीम्स पेश की हैं। इसके कारण भारत में मोबाइल फोन निर्माण उद्योग में तेजी आ रही है।

बजट 2025: टैक्स में कटौती की उम्मीद

आने वाले बजट से टेलीकॉम सेक्टर को सबसे बड़ी उम्मीद टैक्स में कटौती से है। फिलहाल, टेलीकॉम सेक्टर पर आयात शुल्क, यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) और लाइसेंस फीस का भारी बोझ है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन शुल्कों में कमी से टेलीकॉम कंपनियों के पास इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के लिए अधिक पूंजी उपलब्ध होगी, जिससे स्मार्टफोन की कीमतों में कमी आ सकती है और सेवाएं सस्ती हो सकती हैं।

लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार का फोकस

सरकार मोबाइल फोन और टेलीकॉम उपकरणों के लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत प्रोत्साहन जारी रखने की संभावना है। पिछले बजट में मोबाइल के कंपोनेंट्स पर कस्टम ड्यूटी को 20% से घटाकर 15% कर दिया गया था, जिससे स्मार्टफोन की कीमतें कम हुईं। आगामी बजट में इस दिशा में और कदम उठाए जाने की उम्मीद है, जिनसे स्मार्टफोन की कीमतें और इंटरनेट सेवाएं सस्ती हो सकती हैं।

स्वाति भार्गव, CashKaro और EarnKaro की को-फाउंडर, ने कहा, “सरकार ने पहले भी मोबाइल फोन, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (PCBA), और मोबाइल चार्जर्स पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 15% की थी, जिससे स्मार्टफोन अधिक किफायती बने और भारत ग्लोबल स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग हब बना। हम उम्मीद करते हैं कि बजट 2025 में सरकार ऐसे कदम उठाएगी, जो स्मार्टफोन और इंटरनेट सेवाओं की लागत को और कम करेंगे।”

डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश: ग्रामीण इलाकों पर विशेष ध्यान

केंद्रीय बजट 2025 में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए भारी राशि आवंटित किए जाने की उम्मीद है, खासकर ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए। भारतनेट जैसी परियोजनाओं के जरिए देशभर में सभी ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड पहुंचाने का लक्ष्य है। इससे ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या का समाधान होगा और डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।

पिछले बजट में किए गए प्रयासों के सकारात्मक परिणाम

2024 के बजट में संचार मंत्रालय को कुल 1.28 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, जिससे दूरसंचार इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई गईं। भारतनेट और अन्य टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को मुआवजा देने के लिए राशि आवंटित की गई थी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को सुनिश्चित किया जा सके। इसके परिणामस्वरूप इंटरनेट की लागत में कमी आई है और स्मार्टफोन की स्वीकृति दर बढ़ी है।

सस्ते इंटरनेट और स्मार्टफोन के कारण डिजिटल इंडिया को बढ़ावा

भारत में 2025 की शुरुआत तक करीब 1.2 अरब लोग स्मार्टफोन का उपयोग कर रहे होंगे। मोबाइल डेटा की कीमतों में 90% से अधिक गिरावट आई है, जिससे इंटरनेट सेवाओं का इस्तेमाल बढ़ा है। सस्ते डेटा प्लान और लोकल मैन्युफैक्चरर्स द्वारा उपलब्ध कराए गए किफायती स्मार्टफोन के कारण डिजिटल विकास की गति तेज हुई है।

बजट 2025 से उम्मीदें: डिजिटल विकास को और बढ़ावा मिलेगा

केंद्रीय बजट 2025 से उम्मीद की जा रही है कि सरकार इंटरनेट और स्मार्टफोन की कीमतों को और सस्ता बनाएगी, साथ ही डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश करेगी। इन कदमों से न केवल कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि देश के विभिन्न सेक्टर्स में आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। सरकार के इन प्रयासों से भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जाएगा और डिजिटल इंडिया के विजन को और साकार किया जाएगा।

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