भारत की प्रति व्यक्ति आय पिछले 75 साल में केवल 2,730 डॉलर तक पहुंची है, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को दावा किया कि अगले 5 साल में यह दोगुना हो सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए गए सुधारों के चलते लोगों के जीवन स्तर में तेज वृद्धि होगी।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अगले पांच वर्षों में देश में प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा किए गए सुधारों के चलते लोगों के जीवन स्तर में तेजी से सुधार होगा और आर्थिक असमानता में भी कमी आएगी।
वित्त मंत्री ने शुक्रवार को कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुमानों के अनुसार, हमें प्रति व्यक्ति आय को $2,730 तक पहुंचने में 75 वर्ष लगे, लेकिन इसमें $2,000 जोड़ने में केवल पांच साल का समय लगेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आने वाले दशकों में देश में आम आदमी के जीवन स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी।
भारत की वैश्विक जियोपॉलिटिकल स्थिति का लाभ
उन्होंने कहा कि भारत अपनी डायनैमिक जियोपॉलिटिकल स्थिति का लाभ उठा सकता है। दुनिया सप्लाई चेन में बदलाव की आवश्यकता महसूस कर रही है, और भारत इस बदलाव का फायदा उठाने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि भारत खुद को वैश्विक जियोपॉलिटिकल री-पोजीशनिंग के बीच में देखता है।
यह स्थिति भारत के लिए एक संरचनात्मक शक्ति के रूप में काम कर सकती है। भारत नई अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था से लाभान्वित होगा, जो वर्तमान समय में शक्ति वितरण को बेहतर तरीके से दर्शाने के लिए पुनर्संरचना कर रही है।
टेक्नोलॉजी से समस्याओं का समाधान
वित्त मंत्री ने बताया कि भारत की युवा आबादी, खपत में मजबूत वृद्धि, नवाचार में तेजी और एक सशक्त वित्तीय प्रणाली देश को तेज़ी से आगे बढ़ने में सहायता करेगी। उन्होंने साथ ही भारत के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा की। सीतारमण ने कहा कि एक खंडित विश्व में भू-राजनीतिक जोखिमों का सामना करना होगा, जहाँ कई निरंतर संघर्ष और भी गंभीर हो सकते हैं।
तकनीक का विकास और रोजगार की चुनौतियाँ
सीतारमण ने कहा कि तकनीक के विकास से श्रमिकों पर सभी स्तरों पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है। इसके गंभीर आर्थिक और सामाजिक परिणाम सामने आ सकते हैं। पूरी दुनिया इस चुनौती का सामना कर रही है, लेकिन भारत के लिए यह स्थिति और भी अधिक गंभीर है। इसका मुख्य कारण यह है कि भारत को अपनी विशाल युवा जनसंख्या के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की आवश्यकता है।