UPPCL: यूपी के बिजली उपभोक्ताओं को राहत, विभाग के नए फैसले से आएगा बड़ा बदलाव

UPPCL: यूपी के बिजली उपभोक्ताओं को राहत, विभाग के नए फैसले से आएगा बड़ा बदलाव
Last Updated: 3 घंटा पहले

पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार द्वारा जारी किए गए नए आदेश के अनुसार, बिजली बिलों के आंशिक भुगतान के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए हैं। कम बिजली खपत करने वाले लाइफलाइन उपभोक्ताओं को अब कुल बकाया बिल का न्यूनतम 10 प्रतिशत या 250 रुपये (जो भी अधिक हो) जमा करने की अनुमति होगी। वहीं, अन्य श्रेणी के बकायेदारों को 25 प्रतिशत या 1000 रुपये (जो भी अधिक हो) की धनराशि जमा करने की सुविधा प्राप्त होगी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने बकाएदार बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत का अहम फैसला लिया है। अब अगर उपभोक्ता अपना पूरा बिजली बिल नहीं चुका सकते, तो वे आंशिक भुगतान करके बिजली की आपूर्ति फिर से शुरू करवा सकते हैं।

पावर कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार द्वारा जारी किए गए नए आदेशों के तहत, कम बिजली खपत करने वाले लाइफलाइन उपभोक्ताओं को कम से कम 10 प्रतिशत बकाया राशि या 250 रुपये (जो भी ज्यादा हो) और अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं को 25 प्रतिशत या 1000 रुपये (जो भी ज्यादा हो) जमा करने की सुविधा दी जाएगी। यदि उपभोक्ता का कनेक्शन काट दिया गया है, तो कम से कम 25 प्रतिशत की राशि जमा करने के बाद कनेक्शन फिर से जोड़ दिया जाएगा।

इसके अलावा, उपभोक्ताओं को अब विभागीय कैश काउंटर, ऑनलाइन माध्यम और अन्य बिल कलेक्शन एजेंसियों से आंशिक भुगतान करने के लिए किसी प्रकार की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। उपभोक्ता एक से अधिक बार भी भुगतान कर सकेंगे, और रसीद पर कुल बिल राशि के साथ भुगतान की गई रकम भी अंकित की जाएगी।

बकाएदार उपभोक्ताओं को दी गई हिदायतें

बकाएदार उपभोक्ताओं को यह चेतावनी दी गई है कि यदि वे आंशिक भुगतान किए बिना अपने कनेक्शन को पुनः सक्रिय करवाने का प्रयास करते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत मुक़दमा पंजीकृत कराकर उन पर जुर्माना लगाया जाएगा और साथ ही बकाया राशि की वसूली भी की जाएगी।

अब बस स्टेशन पर नहीं होगी बिजली की समस्या

रायबरेली परिवहन निगम के डिपो में अब सोलर पैनल के जरिए बिजली का उत्पादन किया जाएगा, जिससे विभाग को हर महीने करीब 40,000 रुपये के बिजली बिल से निजात मिलेगी। इस पहल के तहत डिपो में 25 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल स्थापित किया जाएगा, जिससे पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ विभाग के बजट पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।

पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) माडल के तहत शुरू की जा रही इस परियोजना से लगभग 30,000 यूनिट बिजली का उत्पादन होने की उम्मीद है, जो डिपो के कार्यालय, वर्कशॉप, यात्री प्रतीक्षालय, स्टाफ रूम और अन्य बिजली से चलने वाले उपकरणों की जरूरतों को पूरा करेगा।

इस सोलर पैनल की स्थापना से न केवल डिपो के कार्बन फुटप्रिंट में कमी आएगी, बल्कि यह सौर ऊर्जा के उपयोग के माध्यम से सरकार की ऊर्जा बचत और पर्यावरण संरक्षण की योजनाओं को भी बढ़ावा देगा। सोलर पैनल की जीवनकाल लगभग 20 वर्षों का होगा और इसका रखरखाव भी आसान रहेगा।

यह पहल परिवहन विभाग की जिम्मेदारी को साबित करने के साथ-साथ स्थानीय निवासियों और पर्यावरण संरक्षण समर्थकों द्वारा भी सराहना की जा रही है। इस पहल को अपनाने से न केवल बिजली की समस्या का समाधान होगा, बल्कि ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।

क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी के अनुसार, इस परियोजना से डिपो के कार्बन फुटप्रिंट में महत्वपूर्ण कमी आएगी और यह हरित ऊर्जा की दिशा में सरकार की नीति को मजबूत करेगा।

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