Mohan Charan Majhi: राजनीति में आने से पहले पेशे से शिक्षक थे मोहन चरण माझी, जानिए कैसा रहा माझी का राजनीतिक सफर

Mohan Charan Majhi: राजनीति में आने से पहले पेशे से शिक्षक थे मोहन चरण माझी, जानिए कैसा रहा माझी का राजनीतिक सफर
Last Updated: 13 जून 2024

भारतीय जनता पार्टी ने वरिष्ठ नेता मोहन चरण माझी को ओडिशा का नया मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर दी है और बुधवार को वे सीएम पद और गोपनीयता की शपथ भी लेंगे। हम आपको मोहन चरण माझी के शिक्षक से सीएम बनने तक के सफर के बारे में बताते हैं।

भुवनेश्वर: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहन चरण माझी को ओडिशा के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है। राज्यपाल रघुबर दास बुधवार (१२ जून) को माझी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। उनके साथ कनक वर्धन सिंह देव और प्रभाति परिड़ा भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। क्योंझर सदर सीट से चौथी बार विधायक बने मोहन चरण माझी आदिवासी नेता के रूप में भी विख्यात है। शिशु मंदिर में शिक्षक पद से मुख्यमंत्री बनने का सफर कैसे पूरा किया और उन्हें कितना गौरव प्राप्त हुआ आज हम आपको बताते हैं।

माझी का 6 जनवरी 1972 को हुआ था जन्म

जानकारी के मुताबिक ओडिशा के बनने वाले नए मुख्यमंत्री व  भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहन चरण माझी का जन्म 6 जनवरी 1972 को क्योंझर जिले के सदर थाना क्षेत्र के रायकला गांव में हुआ था. मोहन चरण माझी राजनेता और विधायक बनने से पहले सरस्वती शिशु मंदिर में एक शिक्षक के तौर पर काम करते थे। माझी एक शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरूआत की थी. उसके बाद वह सरपंच चुने गए। उनकी शैक्षणिक योग्यता बैचलर ऑफ आर्ट्स (BA  Arts) हैं।

वर्ष 2000 में बने पहली बार विधायक

मोहन चरण माझी सरपंच के बाद पहली बार वर्ष 2000 में क्योंझर सीट से विधानसभा का चुनाव जीतकर विधायक बने थे। वह 2004-09 और 2019 से 2024 तक विधायक पद पर रहे हैं। उन्होंने राजनीति में रहकर विपक्ष के मुख्य सचेतक के रूप में भी काम किया है। मोहन चरण माझी ने भाजपा गठबंधन सरकार में 2005 से 2009 तक सत्तारूढ़ दल के उप मुख्य सचेतक के रूप में भी काम किया था। इस बार साल 2024 यह पहली बार है जब भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत हासिल किया और अपने मुख्यमंत्री के रूप में एक आदिवासी चेहरे माझी को चुना हैं।

1995 से 2014 तक रहे विधायक

कनक वर्धन सिंहदेव 1995 से 2014 तक लगातार पाटनागढ़ विधानसभा सीट से पांच बार विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने है। लेकिन 2019 के चुनाव में वह बीजू जनता दल (बीजद) की उम्मीदवार सरोज मेहर से हार गए थे। केवी सिंह ने एक बार फिर से 2024 के चुनाव में जीत हासिल की है। केवी सिंहदेव ओडिशा में बीजद-भाजपा सरकार में रहते हुए उद्योग और शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों में मंत्री भी रह चुके थे। वहीं प्रभाती परिड़ा पहली बार नीमापड़ा सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची है और उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद दिया जा रहा हैं।

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