डीआरडीओ AI संचालित निगरानी और अन्य परियोजनाओं के लिए IIT भुवनेश्वर के साथ सहयोग करेगा। DRDO और IIT भुवनेश्वर के अधिकारियों ने कहा स्वीकृत परियोजनाओं पर दोनों साथ काम करेंगे, जो इलेक्ट्रॉनिक्स युद्ध, पावर सिस्टम, AI-संचालित निगरानी, रडार सिस्टम आदि में फायदेमंद होगा।
भुवनेश्वर : रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ( DRDO ) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) -संचालित निगरानी और अन्य परियोजनाओं के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) भुवनेश्वर के साथ काम करेगा। मंगलवार (7 मई) को DRDO और IIT भुवनेश्वर के अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई। जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रणाली (ECS) क्लस्टर, DRDO के महानिदेशक (DG) बिनय दास और दोनों संस्थानों के कई वरिष्ठ वैज्ञानिक और अधिकारी उपस्थित थे।
परियोजनाओं पर काम करेगा IIT
बैठक के दौरान subkuz.com को मिली जानकारी के अनुसार, DRDO के ईसीएस क्लस्टर की 9 स्वीकृत परियोजनाएं IIT भुवनेश्वर को सौंपी गईं, जबकि अधिकारीयों ने बताया कि 18 करोड़ की अन्य 7 परियोजनाएं फंडिंग के साथ मंजूरी देने की प्रक्रिया में हैं।
अधिकारियों ने आगे कहा कि IIT भुवनेश्वर स्वीकृत जिन परियोजनाओं पर काम करेगा उनमें जो इलेक्ट्रॉनिक्स युद्ध, AI-संचालित निगरानी, बिजली प्रणाली, रडार सिस्टम, बिजली प्रणाली आदि में फायदेमंद होंगे।
IIT के स्कूल ऑफ इलेक्ट्रिकल साइंसेज के प्रमुख SR. सामंतराय ने बताया कि IIT भुवनेश्वर और DRDO का सहयोग रक्षा अनुप्रयोगों की उभरती अनुसंधान और विकास जरूरतों मेंपूर्ण रूप से सहयोग देगा, जो 'आत्मनिर्भर भारत' के लिए एक मंच बनाएगा।
यह DRDO की स्थिरता को बढ़ाएगा
उन्होंने कहा कि दोनों के साथ मिलकर काम करने से DRDO की स्थिरता को बढ़ाएगा और राष्ट्र निर्माण के लिए ICO-System का हिस्सा होगा। इस पर बोलते हुए विनय दास ने DRDO की स्वीकृत विभिन्न परियोजनाओं से जुड़े शोधकर्ताओं और संकाय सदस्यों को उचित समीक्षा और जोखिम प्रबंधन प्रणालियों के साथ व्यवस्थित रूप से सहयोग करने की सलाह दी, ताकि उन परियोजनाओं को समय पर संपन्न किया जा सके।
दरअसल, DRDO प्रौद्योगिकी का पीछा करने वालों से प्रौद्योगिकी सक्षमकर्ता और ट्रेंडसेटर बनने के चैंजमेंट के दौर से गुजर रहा है। कहा कि इन सबका उद्देश्य अब प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के अलावा भारतीय सशस्त्र बलों के लिए मानक स्थापित करना है, जिसका दुनिया भर में अन्य लोगों के लिए अनुकरण करना है। इस संदर्भ में यह सहयोग और IIT भुवनेश्वर में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का एक और प्रयास खास साबित होगा।