ओडिशा में नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजू जनता दल (बीजेडी) की सरकार के कामों और योजनाओं को री-ब्रांड करने के मामले में राजनीतिक गतिविधियों ने जोर पकड़ लिया है।
Odisha: ओडिशा में नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजू जनता दल (बीजेडी) की सरकार ने राज्य में लगभग 24 वर्षों तक शासन किया। इसके बाद बीजेडी को हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा सत्ता से बेदखल कर दिया गया। नई सरकार ने केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिखाए मार्ग का अनुसरण नहीं किया, बल्कि पूर्व सरकार के कार्यों और योजनाओं के नामों को भी बदलने का फैसला लिया है। हाल के दिनों में यह बदलाव स्पष्ट रूप से देखने को मिला है।
प्रमुख योजनाओं का नाम परिवर्तन
बीजेडी सरकार की प्रमुख योजना, बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना को गोपालबंधु जन आरोग्य योजना से बदला गया है। यह योजना पीएम जन आरोग्य योजना और बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना का एक मिश्रित संस्करण है। जुलाई में राज्य के बजट पेश करते समय, विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने पाया कि कम से कम 40 पुरानी योजनाओं के नाम बदल दिए गए हैं। उदाहरण के लिए:
बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना ➔ गोपालबंधु जन आरोग्य योजना
कलिया योजना ➔ सीएम किसान
मिड डे मील योजना ➔ पीएम पोषण योजना
बीजू सेतु योजना ➔ सेतु बंधना योजना
रंग परिवर्तन की पहल
नई सरकार का यह कदम केवल योजनाओं के नाम तक सीमित नहीं रहा है। हरे रंग (जो कि बीजेडी का पहचान रंग था) को छोड़कर, नारंगी रंग को अपनाया जा रहा है। सरकारी इमारतें, कक्षा IX और X की स्कूल ड्रेस, दूध के पैकेट, और सड़क पर लगे दिशासूचक बोर्ड सभी अब भगवा रंग में रंगे जा रहे हैं।
बीजेडी की प्रतिक्रिया
बीजेडी की पूर्व विधायक लतिका प्रधान का कहना है कि नई सरकार बीजेडी की योजनाओं से "उधार" ले रही है, जबकि वे जानबूझकर ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की विरासत को मिटाने की कोशिश कर रही हैं।
बीजेपी की सफाई
बीजेपी प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केवल योजनाओं के नाम और रंग बदलने का आरोप गलत है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने लोगों को बेहतर सेवाएं देने के लिए योजनाओं में कई संशोधन किए हैं और नए कार्यक्रम भी शुरू किए हैं।