समुद्री सुरक्षा के मुद्दों पर तटरक्षक बल (Coast Guard Headquarters, ICG) के कमांडर तीन दिनों तक गहन मंथन करेंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना और स्वदेशीकरण को बढ़ावा देना है। इसमें आईसीजी की मौजूदा परियोजनाओं का मूल्यांकन किया जाएगा और नए स्वदेशीकरण प्रयासों को समर्थन देने पर विचार किया जाएगा।
New Delhi: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh)ने मंगलवार को भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के मुख्यालय में कमांडरों के 41वें सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने तटरक्षक बल के कमांडरों के साथ राष्ट्रीय और समुद्री सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
26 सितंबर तक चलेगा सम्मेलन
सम्मेलन 26 सितंबर तक चलेगा, जिसमें तटरक्षक कमांडर समुद्री सुरक्षा के साथ-साथ भारत सरकार की "मेक इन इंडिया" पहल के तहत स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने वाली परियोजनाओं का मूल्यांकन करेंगे।
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में तटरक्षक बल के योगदान की सराहना की और उनके द्वारा समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में निभाई जा रही अहम भूमिका पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने "मेक इन इंडिया" पहल के तहत स्वदेशी उपकरण और तकनीकों के विकास पर बल दिया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है।
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तटरक्षक बल के एडीजी एस. परमीश और अन्य वरिष्ठ तटरक्षक कमांडरों के साथ राष्ट्रीय और समुद्री सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की। यह सम्मेलन, जो तटरक्षक बल का शीर्ष वार्षिक आयोजन है, रणनीतिक, परिचालन और प्रशासनिक मामलों पर गहन चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करेगा। इसमें भू-राजनीतिक परिदृश्य और समुद्री सुरक्षा की जटिलताओं के संदर्भ में तटरक्षक बल की भूमिकाओं और चुनौतियों पर मंथन किया जाएगा।
इस बैठक में, तटरक्षक बल की भविष्य की दिशा, "मेक इन इंडिया" पहल के तहत स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने, और तटरक्षक बल के ऑपरेशनल क्षमताओं को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया गया है। सम्मेलन का उद्देश्य आईसीजी के भविष्य को आकार देने और भारत की समुद्री सुरक्षा को वैश्विक मानकों पर ले जाने की दिशा में योगदान करना है।
41वें सम्मेलन का उद्घाटन
तटरक्षक बल के 41वें सम्मेलन के दौरान आईसीजी (भारतीय तटरक्षक बल) कमांडरों को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), नौसेना प्रमुख और इंजीनियर-इन-चीफ के साथ बातचीत की। इस बातचीत का मुख्य उद्देश्य सेवाओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है, ताकि समुद्री सुरक्षा के समग्र क्षेत्र में समन्वय और एकजुटता बढ़ सके। साथ ही, इस चर्चा से भारतीय तटरक्षक बल के विकास और उसके बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने पर भी ध्यान दिया जाएगा।
सम्मेलन में तटरक्षक बल के पिछले वर्ष के प्रमुख परिचालन, सामग्री, रसद, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक पहलों का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, कमांडर भारत के समुद्री हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण मील के पत्थरों पर विचार-विमर्श करेंगे। इस तरह की समीक्षा से भारतीय तटरक्षक बल को अपने भविष्य के संचालन और क्षमता निर्माण को बेहतर ढंग से दिशा देने में मदद मिलेगी।