बॉलीवुड की पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने प्रयागराज महाकुंभ में संन्यास लिया। दीक्षा के बाद उन्हें नया नाम श्री यमाई ममता नंद गिरी मिला। अब वे आध्यात्मिक जीवन जीएंगी।
Mahakumbh: बॉलीवुड की पूर्व सुपरहिट एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने आध्यात्मिकता का मार्ग चुन लिया है। प्रयागराज महाकुंभ में उन्होंने संन्यास की दीक्षा लेकर नया जीवन आरंभ किया। अब उन्हें श्री यमाई ममता नंद गिरी के नाम से जाना जाएगा।
किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर का मिलेगा पद
महाकुंभ में दीक्षा लेने के बाद ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर की पदवी दी जाएगी। दीक्षा समारोह के दौरान उन्होंने संगम किनारे पिंडदान किया और भगवा वस्त्र धारण किए। चादरपोशी की रस्म के बाद उन्हें यह पदवी मिलेगी।
आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने दी दीक्षा
ममता कुलकर्णी को जूना अखाड़े के आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने दीक्षा दी। दीक्षा के बाद ममता ने आध्यात्मिक जीवन को पूरी तरह अपनाते हुए किन्नर अखाड़े में रुकने का फैसला किया।
24 साल बाद भारत लौटीं ममता कुलकर्णी
24 साल बाद भारत लौटने वाली ममता ने बताया कि उनका झुकाव 1996 में अध्यात्म की ओर हुआ था। गुरु गगन गिरी महाराज के संपर्क में आने के बाद उन्होंने तपस्या शुरू की। ममता ने कहा, "मैंने 2000 से 2012 तक ब्रह्मचर्य का पालन किया और दुबई में साधारण जीवन जिया।"
सिल्वर स्क्रीन से संन्यास का सफर
ममता कुलकर्णी ने 1992 में आई फिल्म तिरंगा से अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने आशिक आवारा, करण अर्जुन, क्रांतिवीर और वक्त हमारा है जैसी हिट फिल्मों में काम किया। 2002 में बॉलीवुड को अलविदा कहने के बाद वे केन्या चली गईं।
ममता की तपस्या और नई शुरुआत
ममता ने कहा, "बॉलीवुड ने मुझे नाम और शोहरत दी, लेकिन मेरा मन अध्यात्म में रमा। मैंने बॉलीवुड को छोड़कर साधना का मार्ग चुना। अब मैं अपने जीवन का हर पल आध्यात्मिकता को समर्पित करूंगी।"
नए जीवन की शुरुआत
अब ममता कुलकर्णी आध्यात्मिक जीवन की ओर बढ़ते हुए श्री यमाई ममता नंद गिरी के नाम से जानी जाएंगी। महाकुंभ में संन्यास लेना उनकी नई शुरुआत को दर्शाता है, जहां से उनका जीवन अध्यात्म और सेवा की राह पर अग्रसर होगा।