Bihar Budget Session 2025: बिहार विधानसभा बजट सत्र की तारीख तय, 1 मार्च को पेश होगा 2025-26 का बजट

Bihar Budget Session 2025: बिहार विधानसभा बजट सत्र की तारीख तय, 1 मार्च को पेश होगा 2025-26 का बजट
अंतिम अपडेट: 3 घंटा पहले

केंद्र सरकार के बाद अब बिहार में नीतीश सरकार 28 फरवरी से 28 मार्च तक बजट सत्र शुरू करेगी। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पहले दिन संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे।

Bihar Budget Session 2025: बिहार में एनडीए सरकार का 2025-26 का बजट सत्र 28 फरवरी से 28 मार्च तक आयोजित किया जाएगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। बैठक में बजट सत्र के दौरान 21 बैठकें होने की संभावना जताई गई।

राज्यपाल का संबोधन और योजनाओं की जानकारी

बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। वह एनडीए सरकार की भविष्यवाणियों, अब तक किए गए विकास कार्यों और चल रही योजनाओं की विस्तार से जानकारी देंगे। इसके बाद एक मार्च को वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किए जाने की संभावना है। इसके बाद अन्य विभागों के बजट सिलसिलेवार तरीके से पेश किए जाएंगे।

बिहार में छह वर्षों में बैंकों ने वितरित किए 9.5 लाख करोड़ का लोन

राज्यसभा सदस्य डॉ. भीम सिंह के प्रश्न पर वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी कि बिहार में पिछले छह वित्तीय वर्षों में बैंकों ने 9.5 लाख करोड़ की राशि ऋण के रूप में वितरित की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि राज्यस्तरीय बैंकर समिति, बिहार के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि इस दौरान औसतन हर वर्ष तय 10.58 लाख करोड़ की ऋण राशि का 90.67 प्रतिशत वितरित किया गया है।

बैंकों का बिहार के विकास में सक्रिय सहयोग

वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों ने बिहार के आर्थिक विकास में सक्रियता से सहयोग किया है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई, कृषि, किफायती आवास, और अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में ऋण को सुविधाजनक बनाया गया है। इसके अलावा, सरकार द्वारा संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे मुद्रा, स्टैंडअप इंडिया, पीएमईजीपी, पीएम स्वनिधि आदि में बैंक सहायता कर रहे हैं।

किसानों, छात्रों और अन्य वर्गों को मिल रही ऋण सुविधा

बैंकों द्वारा किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, छात्रों को एजुकेशन लोन, और अन्य ऋण योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा, ऋण की वापसी के लिए क्रेडिट आउटरीच, वित्तीय साक्षरता शिविर और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। बैंक सखियों का भी सक्रिय सहयोग लिया जा रहा है।

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