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राजनाथ सिंह ने SCO बैठक में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर जताई चिंता, सीमा विवाद सुलझाने के लिए चीन को दिए 4 अहम सुझाव

राजनाथ सिंह ने SCO बैठक में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर जताई चिंता, सीमा विवाद सुलझाने के लिए चीन को दिए 4 अहम सुझाव

चीन में SCO बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री से मुलाकात में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद, सीमा विवाद और कैलाश मानसरोवर यात्रा पर चर्चा की।

SCO Summit: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के चिंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने चीनी समकक्ष एडमिरल डोंग जून से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और सीमा विवाद जैसे संवेदनशील मुद्दों पर स्पष्ट और दूरदर्शी चर्चा की। राजनाथ सिंह ने चार बिंदुओं वाला सुझाव भी साझा किया ताकि भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाया जा सके। साथ ही, कैलाश मानसरोवर यात्रा को पुनः शुरू करने की दिशा में हुई प्रगति को लेकर संतोष जताया गया।

आतंकवाद पर भारत का स्पष्ट रुख

राजनाथ सिंह ने SCO बैठक के मंच से एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आतंकवाद और उग्रवाद के बढ़ते खतरे की ओर आकर्षित किया। उन्होंने साफ कहा कि आतंकवाद केवल एक देश की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए खतरा है। उन्होंने सभी सदस्य देशों से आह्वान किया कि वे आतंक और हिंसा के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों।

विशेष रूप से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की नीति स्पष्ट और सैद्धांतिक है। उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' का हवाला देते हुए बताया कि यह सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और इसकी समाप्ति के लिए सभी स्तरों पर प्रयासरत है।

चीन के साथ रचनात्मक बातचीत

राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री डोंग जून के बीच हुई मुलाकात को द्विपक्षीय संबंधों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बातचीत रचनात्मक और दूरदर्शी थी। दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा हुई।

राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत और चीन को चाहिए कि वे आपसी संबंधों में नई जटिलताओं को जोड़ने से बचें और सकारात्मक माहौल बनाए रखें। दोनों नेताओं ने यह स्वीकार किया कि द्विपक्षीय संवाद को बनाए रखना और मतभेदों को कूटनीतिक तरीकों से सुलझाना ही आगे बढ़ने का रास्ता है।

सीमा विवाद सुलझाने के लिए चार सूत्रीय सुझाव

भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव को खत्म करने के लिए राजनाथ सिंह ने एक चार-पॉइंट्स फॉर्मूला पेश किया। उन्होंने सुझाव दिया कि:

  1. विघटन प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन किया जाए।
    जिन क्षेत्रों में तनाव है, वहां सैनिकों की पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए ताकि टकराव की संभावना खत्म हो।
  2. बॉर्डर पर तनाव कम करने की कोशिशें जारी रहें।
    दोनों देशों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि सीमा पर शांति बनी रहे और किसी भी प्रकार की उत्तेजक कार्रवाई से बचा जाए।
  3. सीमाओं के सीमांकन (demarcation) और डीलिमिटेशन के लक्ष्य को तेजी से पूरा किया जाए।
    सीमा विवाद को हल करने के लिए तकनीकी और राजनीतिक स्तर पर प्रक्रिया में तेजी लाई जानी चाहिए।
  4. SR स्तर की मौजूदा व्यवस्था का प्रभावी उपयोग किया जाए।
    विशेष प्रतिनिधियों (Special Representatives) के स्तर पर संवाद और समाधान की प्रक्रिया को फिर से सक्रिय किया जाए ताकि जमीनी स्थिति में सुधार हो सके।

कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने की संभावना

चीन की यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह ने एक और अहम मुद्दे पर चर्चा की, जो भारत के लाखों श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि करीब छह वर्षों के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए गए हैं।

मधुबनी पेंटिंग की सौगात

राजनाथ सिंह ने मुलाकात के दौरान चीन के रक्षा मंत्री डोंग जून को मधुबनी पेंटिंग भेंट की। यह पेंटिंग बिहार के मिथिला क्षेत्र की एक पारंपरिक कला है, जिसे चमकीले रंगों और आकर्षक पैटर्न्स के लिए जाना जाता है। इसमें जनजातीय रूपांकनों और प्राकृतिक रंगों का उपयोग प्रमुखता से होता है।

यह उपहार सिर्फ कला का आदान-प्रदान नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत की गरिमा का प्रतीक भी है। इससे यह संदेश जाता है कि भारत अपनी परंपराओं को गर्व से विश्व मंच पर प्रस्तुत करता है।

SCO मंच से भारत का वैश्विक संदेश

SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में राजनाथ सिंह ने एक बार फिर भारत की विदेश नीति के प्रमुख स्तंभों को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता में विश्वास करता है। आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, सीमा विवादों का शांतिपूर्ण समाधान और परस्पर विश्वास भारत की प्राथमिकताएं हैं।

 

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