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EPF फंड और पेंशन कैलकुलेशन! ₹20,000 सैलरी पर रिटायरमेंट के बाद कितनी राशि मिलेगी? आइए जानें 

EPF फंड और पेंशन कैलकुलेशन! ₹20,000 सैलरी पर रिटायरमेंट के बाद कितनी राशि मिलेगी? आइए जानें 
अंतिम अपडेट: 1 दिन पहले

₹20,000 सैलरी पर 35 साल बाद रिटायरमेंट पर कितनी पेंशन और फंड मिलेगा? जानें EPF और EPS से कितना फंड और पेंशन मिलेगा रिटायरमेंट के बाद।

EPF Calculator: रिटायरमेंट जीवन का अहम मोड़ होता है, जब आप काम से मुक्त होकर आराम से अपने बाकी सपनों को पूरा करना चाहते हैं। लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी होता है पैसा, और इसके लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) एक महत्वपूर्ण योजना है। EPF और कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) आपके रिटायरमेंट को सुरक्षित बनाने का एक बेहतरीन तरीका है। अगर आपकी सैलरी ₹20,000 है और आप 25 साल की उम्र से EPF और EPS का योगदान शुरू करते हैं, तो 35 साल बाद आपको कितनी पेंशन और फंड मिलेगा, इसका हिसाब हम यहां देंगे।

EPF और EPS क्या हैं और ये कैसे काम करते हैं?

EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) एक ऐसी योजना है जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों मिलकर हर महीने योगदान करते हैं। यह योगदान आपके EPF अकाउंट में जमा होता है और उस पर ब्याज मिलता है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए EPF की ब्याज दर 8.25% तय की गई है। इसमें जमा राशि, ब्याज और रिटायरमेंट पर मिलने वाली राशि सभी टैक्स-फ्री होते हैं। हर महीने आपकी सैलरी का 12% हिस्सा EPF में जमा होता है।

EPS (कर्मचारी पेंशन योजना) एक पेंशन योजना है, जिसका उद्देश्य रिटायरमेंट के बाद आपको हर महीने पेंशन देना है। इस योजना के तहत नियोक्ता द्वारा योगदान किया जाता है। जब EPF में 12% कटता है, तो नियोक्ता का 8.33% हिस्सा EPS में जाता है और बाकी 3.67% EPF में जाता है। हालांकि, EPS की सीमा 15,000 रुपये तक सीमित है, यानी अगर आपकी सैलरी ₹15,000 से ज्यादा है तो EPS में केवल ₹15,000 पर ही 8.33% का योगदान होगा।

EPF और EPS में आपकी सैलरी से कितना योगदान जाता है?

मान लीजिए आपकी सैलरी ₹20,000 है। इसमें से आपका योगदान होगा:
20,000 × 12% = ₹2,400 हर महीने EPF में।

नियोक्ता का योगदान

20,000 × 12% = ₹2,400, जो दो हिस्सों में बंटता है:
EPS में: 15,000 × 8.33% = ₹1,250 (EPS की सीमा ₹15,000 तक है)
EPF में: 2,400 – 1,250 = ₹1,150।
कुल EPF में: 2,400 (आपका) + 1,150 (नियोक्ता) = ₹3,550 हर महीने।
EPS में: ₹1,250 हर महीने।

35 साल बाद EPF से कितना फंड मिलेगा?

आप 25 साल के हैं और 60 साल में रिटायर होने जा रहे हैं, यानी आपके पास 35 साल का समय है। हर महीने ₹3,550 EPF में जमा होंगे। साल में यह बनता है:
3,550 × 12 = ₹42,600।
यह राशि 8.25% ब्याज के साथ 35 साल तक बढ़ेगी। इस हिसाब से 35 साल बाद आपके पास लगभग ₹68.9 लाख जमा हो जाएंगे।

EPS से कितनी पेंशन मिलेगी?

EPS में हर महीने ₹1,250 जमा हो रहे हैं। यह राशि रिटायरमेंट के बाद पेंशन में बदलती है। पेंशन का हिसाब इस प्रकार होता है:
पेंशन = (सेवा के साल × औसत सैलरी) ÷ 70
सेवा के साल: 35 साल
औसत सैलरी: ₹15,000 (EPS की सीमा)
तो पेंशन = (35 × ₹15,000) ÷ 70 = ₹7,500 हर महीने।

कुल मिलाकर कितना फायदा होगा?

अब दोनों को जोड़ते हैं:

EPF से: ₹68.9 लाख (एकमुश्त राशि)
EPS से: ₹7,500 हर महीने पेंशन।

मान लीजिए आप रिटायरमेंट के बाद 20 साल तक जीते हैं, तो पेंशन की कुल राशि होगी:
7,500 × 12 × 20 = ₹18 लाख।

इस प्रकार कुल फंड और पेंशन मिलाकर आपको ₹86.9 लाख का फायदा होगा। हालांकि, महंगाई और जीवनशैली की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आपको अतिरिक्त निवेश की भी आवश्यकता हो सकती है।

सैलरी बढ़ने से कितना फायदा होगा?

अगर आपकी सैलरी हर साल 5% से बढ़ती है, तो 35 साल में EPF फंड ₹1.2 करोड़ तक पहुंच सकता है। 10% सैलरी बढ़ोतरी होने पर यह ₹2 करोड़ से भी अधिक हो सकता है। हालांकि, EPS की सीमा ₹15,000 पर ही रहेगी, लेकिन सैलरी बढ़ने से पेंशन थोड़ी बढ़ सकती है।

क्या यह राशि बुढ़ापे के लिए पर्याप्त होगी?

₹68.9 लाख और ₹7,500 की मासिक पेंशन फिलहाल ठीक लग सकती है, लेकिन 35 साल बाद महंगाई के कारण यह राशि कम हो सकती है। अगर आप रिटायरमेंट पर ₹1 करोड़ या उससे अधिक चाहते हैं, तो EPF के अलावा म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन सिस्टम और स्टॉक मार्केट में भी निवेश करना चाहिए। यदि आप हर महीने ₹2,000-₹3,000 अतिरिक्त निवेश करते हैं, तो आपका रिटायरमेंट फंड दोगुना हो सकता है।

नोट: यह केवल एक अनुमानित आकलन है। वास्तविक आंकड़े EPF की ब्याज दर और वेतन में बढ़ोतरी के अनुसार बदल सकते हैं।

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