Delhi Crime News: कोकेन के मामले में आरोपियों को लिया रिमांड पर, तस्करों के संबंध में मुंबई की डी कंपनी

Delhi Crime News: कोकेन के मामले में आरोपियों को लिया रिमांड पर, तस्करों के संबंध में मुंबई की डी कंपनी
Last Updated: 04 अक्टूबर 2024

राजधानी दिल्ली में तस्करों के पास से बरामद 5000 करोड़ रुपये की कोकेन के मामले में आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स गिरोह के हैंडलर समेत चारों तस्करों की पुलिस की रिमांड पर बड़े रहस्य उजागर हो सकते हैं। वहीं, दिल्ली स्पेशल सेल को संदेह है कि इन तस्करों के तार मुंबई की डी कंपनी से भी जुड़े हो सकते हैं।

New Delhi: केंद्रीय एजेंसियों के इनपुट के आधार पर स्पेशल सेल ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स गिरोह के हैंडलर सहित चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। एजेंसियां अब इनसे रिमांड पर पूछताछ कर रही हैं कि विदेश से किस रूट के जरिए कोकेन भारत लाया गया था।

इस ड्रग्स तस्करी गिरोह के मास्टरमाइंड वीरू के दुबई में कारोबार करने और मुंबई निवासी भरत कुमार जैन के दिल्ली में पकड़े जाने पर स्पेशल सेल को संदेह है कि इनके संबंध मुंबई की डी कंपनी से भी हो सकते हैं। यह माना जा रहा है कि दुबई डी कंपनी के लिए एक सुरक्षित स्थान है।

बातचीत पर रखी थी निगरानी

सूत्रों के अनुसार, कुछ महीनों पहले जब केंद्रीय एजेंसियों ने थ्रीमा एप पर हो रही कुछ संदिग्ध बातचीत की निगरानी शुरू की, तब उन्हें एक ड्रग्स गिरोह का खुलासा हुआ। दुबई में रहने वाले वीरू की मुंबई के एक व्यक्ति के साथ ब्रिटिश रॉक बैंड के संबंध में बातचीत हो रही थी। इस बातचीत की लगातार निगरानी करने पर जांच एजेंसी को कोकेन की तस्करी का पता चला।

पुलिस को मिली बड़ी सफलता

पुलिस ने एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है, जिसके बाद स्पेशल सेल को इस ऑपरेशन में शामिल किया गया। पुलिस को सफलता तब मिली, जब उन्होंने ड्रग्स के ट्रैक्स को सफलतापूर्वक ट्रेस किया। यह ड्रग्स पनामा से गोवा लाया गया था, जो दुबई के निकट एक बंदरगाह के माध्यम से भेजा गया था। पिछले कुछ हफ्तों में, यह ड्रग्स की खेप उत्तर प्रदेश के हापुड़ और गाजियाबाद के जरिए दिल्ली के महिपालपुर में पहुंचाई गई।

जांच के दौरान, थ्रीमा एक की आईडी दिल्ली में पाई गई, जो तुषार गोयल के एक फर्जी नाम से पंजीकृत थी। जैसे ही डिलीवरी का समय नजदीक आया, पुलिस टीम ने महिपालपुर के एक गोदाम के बाहर तुषार गोयल और भरत कुमार जैन समेत चार तस्करों को गिरफ्तार कर लिया।

थाईलैंड का गांजा को किया बरामद

पुलिस ने एक गोदाम से 562 किलो कोकेन और 40 किलो थाईलैंड का गांजा बरामद किया है। इतनी बड़ी मात्रा देखकर पुलिस चौंक गई, क्योंकि उनके पास केवल कुल किलोग्राम वजन मापने वाली मशीन थी। इसके बाद, भारी मशीनें मंगवाई गईं। कोकेन की इतनी विशाल खेप की बरामदगी से जांच एजेंसियों का मानना है कि दिल्ली और मुंबई में इसकी मांग में वृद्धि हो रही है।

कोकेन प्राप्त करना मुश्किल होता है, क्योंकि इसका मूल स्रोत कोका का पौधा है, जिसे मुख्य रूप से तीन लैटिन अमेरिकी देशोंपेरू, बोलिविया और कोलंबियामें उगाया जाता है। यह विशेष खेप कोलंबिया में खेती के बाद पनामा में उत्पन्न हुई है। गोवा में उतरने से पहले, यह इथियोपिया के रास्ते होकर दुबई के पास एक स्थान तक पहुंची।

पनामा मार्ग कोलंबिया और पेरू के लिए निर्धारित कोकीन शिपमेंट का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है, जो प्रमुख कोकेन उत्पादक देश हैं। इसे गुप्त नेटवर्क के माध्यम से पनामा में भेजा जाता है।

क्या हैं पनामा की रणनीतिक?

पनामा की रणनीतिक स्थिति उत्तर और दक्षिण अमेरिका को जोड़ती है और यह एशिया जाने वाले जहाजों में कोकेन के स्थानांतरण को आसान बनाती है। पनामा के व्यस्त बंदरगाह और मुक्त व्यापार क्षेत्रों का उपयोग करते हुए, कंटेनरों में अक्सर वैध माल के बीच कोकेन को छिपाया जाता है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने एशिया में कोकेन की बरामदगी में वृद्धि की सूचना दी है। इसमें कार्गो कंटेनरों में कोकेन को छिपाना, संचार नेटवर्क से बचना और अधिकारियों को रिश्वत देकर सुचारु मार्ग की व्यवस्था करना शामिल है।

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