इलाहाबाद हाई कोर्ट का विवादित आदेश: पत्नी की आत्महत्या के मामले में पति की 'मर्दानगी' की होगी जांच

इलाहाबाद हाई कोर्ट का विवादित आदेश: पत्नी की आत्महत्या के मामले में पति की 'मर्दानगी' की होगी जांच
Last Updated: 3 घंटा पहले

याची के खिलाफ हापुड़ में एक एफआईआर दर्ज है। याची का कहना है कि उसकी पत्नी को संतान नहीं हो रही थी, जिस कारण उसकी पत्नी अवसाद में आकर आत्महत्या कर ली। अदालत ने याची के पौरुष शक्ति की जांच कराने का आदेश देते हुए यह कहा कि संतान होने के लिए हमेशा महिलाओं को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, बल्कि पुरुषों में भी पौरुष शक्ति की कमी हो सकती है।

Prayagraj: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी पति के पौरुष शक्ति का परीक्षण कराने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने हापुड़ के एक याची की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। कोर्ट ने जांच रिपोर्ट 12 नवंबर तक प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया है। इस मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उसकी पत्नी को बच्चे नहीं हो रहे थे, जिससे वह मानसिक तनाव के चलते आत्महत्या कर चुकी है।

अदालत ने याचिकाकर्ता के पौरुष शक्ति की जांच करने का आदेश देते हुए कहा कि हमेशा महिलाओं को बच्चों की अनुपस्थिति के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, बल्कि पुरुषों में भी पौरुष शक्ति की कमी हो सकती है।

किसानों की बेदखली और भूमि में बदलाव पर रोक

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रयागराज एयरपोर्ट-कौशांबी सड़क चौड़ीकरण के लिए प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण मामले में राज्य सरकार से एक सप्ताह के भीतर जानकारी मांगी है। इस मामले की अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी। कोर्ट ने 19 सितंबर 2024 के प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण आदेश के तहत याचिका दायर करने वाले किसानों को उनकी कृषि भूमि से बेदखल करने और भूमि में परिवर्तन करने पर प्रतिबंध लगा दी है।

न्यायालय ने उठाए सवाल

यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने गुलजारी लाल और एक अन्य की याचिका पर दिया है। इस याचिका पर अधिवक्ता अभिषेक मिश्र और शिवम पांडेय ने बहस की। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित सड़क चौड़ीकरण के लिए उन्हें नोटिस जारी किया गया है, जिसमें दो नवंबर 2024 की तारीख अंकित है। लेकिन, इससे पहले ही उनकी भूमि को कब्जे में लेकर कार्य आरंभ कर दिया गया है। भूमि में परिवर्तन किया जा रहा है, जबकि अभी तक अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।

दुष्कर्म और वीडियो बनाने के आरोपी की शर्तीय जमानत स्वीकृत

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने घर में घुसकर मारपीट और दुष्कर्म का वीडियो बनाने के आरोपित महेंद्र निर्मल की शर्तीय जमानत स्वीकार कर ली है। महेंद्र के खिलाफ प्रयागराज के नवाबगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने याचिका के अधिवक्ता दिलीप कुमार पांडेय की सुनवाई के बाद दिया।

याचिकाकर्ता का कहना था कि दोनों के बीच 2016 से प्रेम संबंध हैं और घटना की प्राथमिकी दो दिन देर से दर्ज की गई है। पीड़िता बालिग है और कोई वीडियो प्रसारित नहीं हुआ है, इसलिए उसे झूठा फंसाया गया है। दूसरी ओर, पीड़िता ने अदालत में कहा कि महेंद्र ने उसके घर में घुसकर उसके साथ जबरदस्ती की, कपड़े फाड़ दिए, और मारपीट करने के साथ-साथ सीने पर चढ़कर उसका वीडियो बनाया। जब उसने शोर मचाया तो आसपास के लोग मदद के लिए आए और उसकी जान बची। अंततः कोर्ट ने आरोपित की शर्तीय जमानत को मंजूर कर लिया।

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