महाराष्ट्र के बदलापुर में एक स्कूल में दो बच्चियों के यौन शोषण की घटना । यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है। इसी बीच, स्कूलों में बच्चियों के यौन शोषण के बढ़ते मामलों ने सुप्रीम कोर्ट की चिंता भी बढ़ा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वे स्कूलों में केंद्र की गाइडलाइन को तुरंत लागू करें।
नई दिल्ली महाराष्ट्र के बदलापुर में एक स्कूल में दो बच्चियों के यौन शोषण की घटना और उसके बाद आरोपी के साथ हुई मुठभेड़ को लेकर बवाल जारी है। यह मामला हाईकोर्ट तक पहुँच चुका हैं। इस बीच, स्कूलों में बच्चियों के यौन शोषण के मामलों ने सुप्रीम कोर्ट की चिंता को भी बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे स्कूलों में केंद्र की गाइडलाइन को लागू करें। बढ़ते यौन शोषण के मामलों के कारण अब स्कूलों में माता-पिता को भी डराने की स्थिति उत्पन्न हो गई हैं।
शिक्षा के मंदिर में हैवानियत
गुजरात के दहोद जिले में एक छह साल की बच्ची की हत्या स्कूल की प्रिंसिपल द्वारा केवल इस कारण से की गई कि उसने यौन शोषण का विरोध किया। दूसरी ओर, उत्तराखंड के देहरादून में एक 10 साल की छात्रा के साथ दुष्कर्म के प्रयास का एक मामला सामने आया हैं। इसी राज्य के उधमसिंह नगर में एक चार साल की बच्ची के साथ स्कूल में सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई है, जिसमें सभी आरोपी नाबालिग हैं।
स्कूल में शिक्षक की दरिंदगी
राजधानी भोपाल में एक दिल दहला देने वाली घटना में तीन साल की बच्ची के साथ उसके स्कूल के शिक्षक ने हैवानियत की। हाल के दिनों में भोपाल में यौन शोषण के कई मामले उजागर हुए हैं, जिससे समाज में चिंता बढ़ गई है। इसी तरह, हरियाणा के यमुनानगर जिले में स्कूल जाते समय छह लड़कियों के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आने पर प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इस प्रकार की घटनाओं ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बदलापुर कांड क्या है?
महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित बदलापुर में पिछले महीने 12 और 13 अगस्त को चार और छह साल की बच्चियों का यौन शोषण हुआ। जब बच्चियों ने अपने अभिभावकों से गुप्तांगों में दर्द की शिकायत की, तब यह मामला उजागर हुआ। इस मामले में आरोप शौचालय की सफाई करने वाले कर्मचारी पर लगाया गया। इसके बाद 20 अगस्त को बदलापुर में बंद का आह्वान किया गया। भारी विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। विशेष जांच टीम (एसआईटी) मामले की गहनता से जांच कर रही है। इसके साथ ही, प्रिंसिपल सहित दो कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। 23 अगस्त को पुलिस ने एक मुठभेड़ में मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे को मार गिराया।
इन हैवानियत के मामलों ने किया है बवाल
1. गुजरात के दाहोद जिले में पुलिस ने एक प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया है, जो एक छह साल की बच्ची के यौन शोषण के प्रयास में शामिल था। जब बच्ची ने इसका विरोध किया और जोर-जोर से चिल्लाने लगी, तो गुस्साए प्रिंसिपल ने बच्ची का गला दबा दिया। उसने दिनभर बच्ची के शव को अपनी कार में छिपाए रखा और शाम को उसे स्कूल के परिसर में फेंक दिया। यह बच्ची रोजाना प्रिंसिपल के साथ अपने घर से स्कूल आती थी। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन का उपयोग करते हुए इस हत्या के मामले की गुत्थी सुलझाई।
2. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कटारा हिल्स में एक निजी स्कूल में 10वीं कक्षा के एक नाबालिग छात्र के साथ एक शिक्षक द्वारा कुकर्म किए जाने का मामला सामने आया है। आरोपी शिक्षक ने छात्र को फेल करने की धमकी देकर उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया। इसके अलावा, आरोपित पर यह भी आरोप है कि उसने कुछ आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड किए हैं।
3. भोपाल के कमला नगर थाना क्षेत्र में एक निजी स्कूल में एक शिक्षक ने वाशरूम में तीन साल की मासूम का यौन शोषण किया। पुलिस ने इस आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया हैं। इस मामले की जांच अब विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही है। प्रशासन ने इस स्कूल को सील कर दिया हैं।
4.भोपाल के ऐशबाग थाना क्षेत्र में एक पांच साल की बच्ची के साथ वैन में छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। इस घटना को एक अज्ञात व्यक्ति ने अंजाम दिया। बच्ची जब घर पहुंची, तो उसने अपने माता-पिता को इस घटना के बारे में बताया। यह घटना 21 सितंबर को हुई थी।
5. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के एक प्रसिद्ध कॉलेज में हाल ही में एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ आठवीं कक्षा के एक छात्र के साथ यौन उत्पीड़न किया गया। इसी प्रकार, एक अन्य घटना में दसवीं कक्षा की एक छात्रा के साथ छुट्टी के बाद दुष्कर्म का प्रयास किया गया।
6. नौ सितंबर को उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म का एक गंभीर मामला सामने आया है। यह घटना स्कूल के भीतर ही हुई, जहां बच्ची को एक शिक्षक ने शिकार बनाया। शिक्षक की अमानवीयता ने सभी को हक्का-बक्का कर दिया हैं।
7. इस महीने उधमसिंह नगर में एक 4 साल की बच्ची के साथ उसके स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपियों की उम्र 9, 11 और 14 वर्ष हैं।
बैड टच के बारे में जागरूकता आवश्यक
बच्चों को उनके निजी अंगों के बारे में सही जानकारी देना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें यह समझाना चाहिए कि ये अंग केवल उनके हैं और इन्हें कोई अन्य व्यक्ति नहीं छू सकता है। यदि कोई व्यक्ति उन्हें छूता है, तो उन्हें तुरंत अपने माता-पिता को इस बारे में बताना चाहिए। इसी तरह, यदि कोई व्यक्ति उनकी तस्वीर खींचता है, तो यह भी साझा करना जरूरी है। माता-पिता को अपने बच्चों के व्यवहार पर ध्यान रखना चाहिए।
यदि बच्चे का व्यवहार अचानक बदलता है, तो माता-पिता को उनसे खुलकर बात करनी चाहिए। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति बच्चे को बार-बार एकांत में रखने या उन्हें अकेला करने की कोशिश करता है, तो बच्चों को इस बारे में सतर्क रहना चाहिए। यह भी संभव है कि उस व्यक्ति की नीयत ठीक ना हो। बच्चों को यह समझाना चाहिए कि टॉफी, कैंडी आदि के लालच में आकर किसी अनजान व्यक्ति पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
वर्चुअल टच की जानकारी देना आवश्यक
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि केवल गुड टच और बैड टच के बारे में शिक्षित करना पर्याप्त नहीं है। बच्चों को वर्चुअल टच के बारे में भी जागरूक करना होगा। उन्हें ऑनलाइन व्यवहार, इंटरनेट की संवेदनशीलता, निजता, और हिंसक व्यवहार के विषय में जानकारी दी जानी चाहिए। बच्चों को यह भी सिखाना आवश्यक है कि ऑनलाइन क्या साझा करना है और क्या नहीं। इसके अलावा, यदि कोई अश्लील मैसेज भेजता है या ब्लैकमेल करता है, तो उससे बचने के उपाय भी सिखाने की आवश्यकता हैं।