बांग्लादेश को भारत का सख्त संदेश; तय करो रिश्तों की दिशा, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा- 'हर गलती के लिए भारत को दोष देना अब नहीं चलेगा'

बांग्लादेश को भारत का सख्त संदेश; तय करो रिश्तों की दिशा, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा- 'हर गलती के लिए भारत को दोष देना अब नहीं चलेगा'
अंतिम अपडेट: 2 घंटा पहले

भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में हाल के दिनों में तनाव बढ़ता दिख रहा है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बांग्लादेश को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा है कि वह यह तय कर ले कि भारत के साथ किस तरह के संबंध रखना चाहता हैं। 

नई दिल्ली: भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में हाल के दिनों में तनाव बढ़ता दिख रहा है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बांग्लादेश को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा है कि वह यह तय कर ले कि भारत के साथ किस तरह के संबंध रखना चाहता है। जयशंकर ने दो टूक शब्दों में कहा कि बांग्लादेश सरकार एक तरफ अच्छे संबंधों की बात करती है, तो दूसरी तरफ हर छोटी-बड़ी समस्या के लिए भारत को दोषी ठहराने की कोशिश करती है, जो किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं हैं। 

बांग्लादेश की नई सरकार और भारत विरोधी बयानबाजी

बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी नई सरकार के बाद से भारत विरोधी बयानबाजी में तेजी आई है। इस अंतरिम सरकार से जुड़े कई लोग लगातार भारत पर आरोप लगाते रहे हैं, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी आई है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मस्कट में अपने समकक्ष से मुलाकात के बाद स्पष्ट किया कि भारत को बेवजह आरोपों के कटघरे में खड़ा करने का सिलसिला अब खत्म होना चाहिए। उन्होंने कहा, "आप एक तरफ अच्छे रिश्तों की बात करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ अपनी हर नाकामी के लिए हमें दोषी ठहराते हैं। बांग्लादेश को यह तय करना होगा कि उसे भारत के साथ कैसा संबंध चाहिए।"

अल्पसंख्यकों पर हमले और भारत की चिंता

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों को लेकर भी भारत ने गंभीर चिंता जाहिर की है। जयशंकर ने कहा कि यह मुद्दा न सिर्फ बांग्लादेश के लिए, बल्कि भारत के लिए भी बेहद अहम है। उन्होंने कहा, "बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा हमारी चिंता का विषय है। हम इस पर चुप नहीं बैठेंगे और अपनी बात खुलकर रखते रहेंगे।"

रोज-रोज के आरोप और भारत की नाराजगी

विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि बांग्लादेश की सरकार के कुछ लोग हर रोज भारत पर दोषारोपण करते हैं, जो किसी भी सुलझे हुए रिश्ते की निशानी नहीं है। उन्होंने कहा, "अगर अंतरिम सरकार के लोग रोज़ भारत को दोष देने का सिलसिला जारी रखते हैं, तो हमें भी यह सोचना होगा कि हम किस तरह से आगे बढ़ें। रिश्ते सिर्फ एकतरफा नहीं हो सकते।"

1971 से जुड़े ऐतिहासिक रिश्तों की याद दिलाई

जयशंकर ने यह भी याद दिलाया कि भारत और बांग्लादेश का रिश्ता सिर्फ आज का नहीं, बल्कि 1971 के युद्ध से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि भारत ने बांग्लादेश की आजादी में अहम भूमिका निभाई थी और दोनों देशों के बीच लंबे समय से मजबूत सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंध रहे हैं। लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में बांग्लादेश की नई सरकार जिस तरह से व्यवहार कर रही है, उससे संबंधों में खटास आ रही हैं। 

बांग्लादेश के सामने अब दो रास्ते

जयशंकर का बयान साफ तौर पर संकेत देता है कि भारत अब बांग्लादेश के साथ रिश्तों को लेकर ‘स्पष्टता’ चाहता है। अब यह बांग्लादेश पर निर्भर करता है कि वह भारत के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखता है या बेवजह के आरोपों के चलते रिश्तों को बिगाड़ता है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सहयोग और मित्रता का समर्थक है, लेकिन बेबुनियाद आरोपों को सहन नहीं करेगा।

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