BRICS: भारत और रूस ने अमेरिकी डॉलर को त्यागा! दोनों देशों ने साल 2024 में 64.5 बिलियन डॉलर का स्थानीय मुद्रा में किया व्यापार

BRICS: भारत और रूस ने अमेरिकी डॉलर को त्यागा! दोनों देशों ने साल 2024 में 64.5 बिलियन डॉलर का स्थानीय मुद्रा में किया व्यापार
अंतिम अपडेट: 1 दिन पहले

भारत और रूस के बीच 2024 में 64.5 बिलियन डॉलर मूल्य का व्यापार स्थानीय मुद्राओं रूसी रूबल और भारतीय रुपये में किया गया, जो वैश्विक व्यापार में अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने (डी-डॉलराइजेशन) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

नई दिल्ली: रिपोर्टों के मुताबिक, रूस को भारतीय वस्तुओं की आपूर्ति में 23.3% की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे भारत रूस के चौथे सबसे बड़े व्यापार भागीदारों में शामिल हो गया।  दोनों देश ब्रिक्स और अन्य बहुपक्षीय मंचों के माध्यम से स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने पर काम कर रहे हैं, जिससे पारस्परिक आर्थिक सहयोग को और मजबूती मिलेगी।

भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा

रूस और भारत के बीच व्यापार में राष्ट्रीय मुद्राओं (रूबल और रुपे) का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव के अनुसार, वर्तमान में दोनों देशों के बीच लगभग 90% व्यापारिक भुगतान स्थानीय मुद्राओं में किया जा रहा हैं।

2024 में, रूस से भारत को 60 बिलियन डॉलर मूल्य का निर्यात हुआ, जिसमें 7.7% की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि भारत से रूस को 4.5 बिलियन डॉलर की वस्तुओं का निर्यात हुआ, जिसमें 23.3% की वृद्धि देखी गई। रूस अब भारत का चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया है और शीर्ष चार व्यापारिक भागीदारों में शामिल हैं।

दोनों देश अब रूसी "मीर" और भारतीय "रुपे" भुगतान प्रणाली के आपसी उपयोग पर चर्चा कर रहे हैं, जिससे व्यापार लेन-देन को और सुगम बनाया जा सके। यह कदम ब्रिक्स डी-डॉलराइजेशन रणनीति के तहत है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता को कम करना और बहुपक्षीय व्यापार को और मजबूत करना हैं।

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