दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने चुनाव चिह्न झाड़ू का रंग सफेद से काला कर दिया है। यह बदलाव चर्चा का विषय बना हुआ है। पार्टी के नेता इसे बुरी नजर से बचाने की रणनीति बताते हैं, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं।
झाड़ू से केजरीवाल और केजरीवाल से झाड़ू
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि झाड़ू केवल पार्टी का चुनाव चिह्न नहीं है, बल्कि यह उनकी विचारधारा और अरविंद केजरीवाल की छवि का प्रतीक है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "झाड़ू का केवल रंग बदला है, तेवर और लोकप्रियता वही है। झाड़ू मतलब केजरीवाल और केजरीवाल मतलब झाड़ू।"
उनका दावा है कि यह बदलाव पार्टी की बुनियादी पहचान को प्रभावित नहीं करेगा। झाड़ू की सफेदी को अब काले रंग में बदलने के पीछे उनका मानना है कि काला रंग बुरी नजर से बचाने का प्रतीक है और पार्टी की सफलता को किसी नकारात्मक प्रभाव से बचाने के लिए यह फैसला लिया गया है।
क्यों बदला गया झाड़ू का रंग?
पहले झाड़ू का रंग सफेद था, जिसे शांति और सादगी का प्रतीक माना जाता था। लेकिन चुनाव से ठीक पहले इसे काले रंग में बदलना कई सवाल खड़े करता है। AAP के करीबियों का कहना है कि पार्टी ने यह फैसला बुरी नजर से बचने के लिए किया है।
एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "हमने दिल्ली में लगातार तीन बार सरकार बनाई है और इस बार चौथी बार भी यह कर दिखाएंगे। झाड़ू का रंग बदलकर हम अपनी सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास को बनाए रखना चाहते हैं।"
नए दफ्तर के साथ नई शुरुआत
झाड़ू के रंग में यह बदलाव तब हुआ जब पार्टी ने अपना नया मुख्यालय शिफ्ट किया। पहले AAP का दफ्तर आईटीओ स्थित राउज एवेन्यू पर था, जहां झाड़ू का रंग सफेद था। नए दफ्तर, बंगला नंबर 1 (कैनिंग लेन), नई दिल्ली में आते ही झाड़ू का रंग काला कर दिया गया।
राजनीतिक रणनीति या कुछ और?
राजनीतिक विशेषज्ञ इस बदलाव को पार्टी की रणनीति का हिस्सा मानते हैं। यह संभव है कि पार्टी झाड़ू के नए रंग से मतदाताओं के बीच एक अलग संदेश देना चाहती हो। सफेद झाड़ू से जुड़ी पारंपरिक छवि को काले रंग में बदलना पार्टी की ओर से एक प्रतीकात्मक बदलाव है, जो इसे और मजबूत और आत्मविश्वासी दिखाने की कोशिश है।
जनता की प्रतिक्रिया
दिल्ली के मतदाता भी इस बदलाव को लेकर उत्सुक हैं। कुछ इसे महज एक रंग का बदलाव मानते हैं, जबकि कुछ इसे AAP की नई सोच और रणनीति से जोड़ते हैं। सोशल मीडिया पर इस बदलाव को लेकर जमकर बहस हो रही है।
क्या कहता है यह बदलाव?
झाड़ू का सफेद से काला होना केवल एक रंग का परिवर्तन नहीं है, बल्कि यह AAP की नई रणनीति और दृष्टिकोण का प्रतीक हो सकता है। चुनाव में इसका असर कैसा होगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन यह बदलाव पार्टी के आत्मविश्वास और संकल्प को दर्शाता है।
दिल्ली चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी इस नए रंग और नई ऊर्जा के साथ एक बार फिर मैदान में उतरेगी। अब देखना यह है कि जनता इस बदलाव को कैसे स्वीकार करती है।