दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। सीबीआई ने कोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ महत्वपूर्ण सबूत पेश करते हुए 14 दिनों की रिमांड की मांग की। इस बीच, सीबीआई ने सीएम केजरीवाल पर कई आरोप लगाए हैं। वर्तमान में, केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को तीन सितंबर तक बढ़ा दिया गया है। जानिए, आखिर कोर्ट में और क्या-क्या घटनाक्रम हुए?
New Delhi: आबकारी घोटाले से जुड़ी भ्रष्टाचार की जांच के चलते मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने राउज एवेन्यू कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से केजरीवाल को पेश किया और उनकी 14 दिनों की रिमांड की मांग करते हुए उन पर कई गंभीर आरोप लगाए। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अन्य सबूतों के साथ व्हाट्सएप चैट प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि अरविंद केजरीवाल ने 2021 के गोवा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के सभी 40 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवारों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की थी और उन्हें 90-90 लाख रुपये देने का आश्वासन दिया था।
वकील और विशेष लोक अभियोजक ने लगाया आरोप
सीबीआई की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील और विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल की इच्छानुसार पैसे का खर्च किया गया है, क्योंकि पूरा धन आम आदमी पार्टी के फंड में भेजा गया था। वह गोवा विधानसभा चुनावों के प्रमुख प्रस्तोता थे। सुनवाई के दौरान, सीबीआई ने अदालत को बताया कि मामले में आगे की कोई जांच नहीं होगी और एजेंसी ट्रायल के लिए पूरी तरह से तैयार है।
अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत बढ़ी
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने सीबीआई द्वारा दायर चौथे आरोपपत्र पर सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रखा और इस मामले को तीन सितंबर के लिए निर्धारित कर दिया। अदालत ने बताया कि सीबीआई द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों की जांच भी तीन सितंबर तक की जाएगी। इसके अलावा, अदालत ने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को भी तीन सितंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया।
सीबीआई ने किया आरोपपत्र दाखिल
सुनवाई के दौरान, केजरीवाल की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत से कम रक्त शर्करा के कारण भोजन करने की अनुमति मांगी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। आरोपपत्र में अरविंद केजरीवाल के साथ पांच अन्य आरोपित भी शामिल हैं। सीबीआई ने आरोपपत्र में आम आदमी पार्टी के नेता दुर्गेश पाठक, अमित अरोड़ा, विनोद चौहान, आशीष माथुर और पी. सरथ रेड्डी को 2021-22 की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में घोटाले का आरोपित बनाया है। सीबीआई ने 29 जुलाई को यह आरोपपत्र दाखिल किया था।
केजरीवाल पर लगा पैसे वसूली का आरोप
सीबीआई ने सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि आरोपी अमित अरोड़ा ने पंजाब चुनाव में जीत के बाद लोगों को धमकाकर पैसे की वसूली की। सीबीआई का कहना है कि अरविंद केजरीवाल ने गोवा में आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रचार के लिए पंजाब के लोगों से धन जुटाने में एक अहम भूमिका निभाई। सीबीआई ने अदालत को बताया कि केजरीवाल द्वारा नियुक्त आप के मीडिया प्रभारी विजय नायर ने साउथ ग्रुप के साथ धन के लेन-देन को लेकर चर्चा की थी। इस समूह से इकट्ठा किया गया धन गोवा चुनावों में आम आदमी पार्टी के प्रचार में इस्तेमाल किया गया।
CBI ने अदालत को दी महत्वपूर्ण जानकारी
सीबीआई ने अदालत को यह जानकारी दी कि गोवा विधानसभा चुनावों में सारा धन विधायक दुर्गेश पाठक के निर्देश पर खर्च किया गया, जो चुनाव के प्रभारी थे। सभी चुनाव से संबंधित लेन-देन नकद में किए गए थे। एजेंसी की ओर से पेश अधिवक्ता ने सह-आरोपित विनोद चौहान की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया की आशीष माथुर और विनोद चौहान पैसे के हस्तांतरण में शामिल थे।
विनोद चौहान ने बीआरएस नेता के. कविता के व्यक्तिगत सहायक के साथ समन्वय किया और वह दिल्ली से गोवा में 25.5 करोड़ रुपये के हस्तांतरण के लिए जिम्मेदार था। वह केजरीवाल का बेहद करीबी सहयोगी है, क्योंकि चौहान के डिजिटल डिवाइस की जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि दोनों व्यक्तियों के बीच गहरे सम्बन्ध हैं। आशीष माथुर ने विनोद चौहान की ओर से पैसे स्वीकार किए और उन्हें हवाला कूरियर को सौंप दिया।
अमित अरोड़ा ने लोगों को दी थी धमकी
अधिवक्ता ने यह दावा किया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद, सह-आरोपित अमित अरोड़ा ने पार्टी के लिए एक साधन के रूप में काम करते हुए दिल्ली में महादेव लिकर नामक एक शराब कंपनी से संबंधित रिश्वत देने के लिए लोगों को धमकी दी। इस बीच, एजेंसी ने आरोपित पी. सरथ रेड्डी की भूमिका की ओर इशारा करते हुए बताया कि उसने एक फर्जी भूमि सौदे के माध्यम से के. कविता को 14 करोड़ रुपये दिए थे और उसने दिल्ली में पांच शराब की दुकानों का भी अधिग्रहण किया था।