संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान 16 विधेयकों पर चर्चा होगी, जिसमें वक्फ संशोधन विधेयक भी शामिल है। सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है।
Congress demands discussion on Adani Issue: संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें कांग्रेस और विपक्षी दलों ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की मांग की। कांग्रेस ने अडानी ग्रुप और मणिपुर हिंसा पर संसद में बहस कराने की अपील की। विपक्षी दलों ने उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण और रेल दुर्घटनाओं पर भी चर्चा की मांग उठाई।
कांग्रेस ने अडानी ग्रुप पर चर्चा की अपील की
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने बताया कि उनकी पार्टी ने सरकार से अडानी ग्रुप पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों पर संसद में विस्तृत चर्चा की अनुमति देने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह देश की आर्थिक और सुरक्षा के लिए गंभीर मुद्दा है। तिवारी ने यह भी कहा कि पार्टी चाहती है कि सोमवार को संसद की बैठक में सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया जाए। उनका आरोप है कि अडानी ग्रुप ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए नेताओं और नौकरशाहों को कथित तौर पर 2,300 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
विपक्षी दलों ने प्रदूषण और रेल दुर्घटनाओं पर भी उठाई चिंता
सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण और हाल ही में हुई रेल दुर्घटनाओं पर भी चिंता व्यक्त की। इन मुद्दों पर भी संसद में चर्चा की अपील की गई, ताकि केंद्र सरकार इन पर ठोस कदम उठा सके।
शीतकालीन सत्र में 16 विधेयकों पर होगी चर्चा
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र में कुल 16 विधेयकों पर चर्चा की जाएगी, जिनमें वक्फ संशोधन विधेयक भी शामिल है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू की अध्यक्षता में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, कांग्रेस नेता जयराम रमेश और गौरव गोगोई सहित अन्य नेता शामिल हुए।
वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा की योजना
शीतकालीन सत्र में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर भी चर्चा होगी। यह विधेयक दोनों सदनों की संयुक्त समिति द्वारा लोकसभा में अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। हालांकि, विपक्षी दलों ने समिति की रिपोर्ट पेश करने की समयसीमा बढ़ाने की मांग की है। विपक्ष का आरोप है कि समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल इसकी बैठकों में रुकावट डाल रहे हैं, और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से हस्तक्षेप करने की मांग की है।