Europe News : तेल बेचने में भारत सऊदी अरब से आगे, और भारत से रुसी तेल खरीदता यूरोप

Europe News : तेल बेचने में भारत सऊदी अरब से आगे, और भारत से रुसी तेल खरीदता यूरोप
Last Updated: 26 मई 2023

तेल बेचने में भारत सऊदी अरब से आगे, और भारत से रुसी तेल खरीदता यूरोप 

यूक्रेन पर रशिया के हमले के बाद से अब तक काफी कुछ बदला है, यूरोप में महंगाई तेजी से बढ़ रही है, अमेरिका के कई बैंक दिवालिया हो गए और स्विट्ज़रलैंड का सबसे बड़ा बैंक बिक गया, इस तरह की कई घटनाओं के बारे में हम आप सबने सुना, पर इन सबके अलावा कुछ ऐसे भी घटनाएं घटित हुई और हो रही है जो हैरानी भी पैदा करती है और मजबूरी में क्या न किया जाता है इसका भी एहसास दिलाती है। 

यूक्रेन पर हमले के करीब करीब तुरंत बाद ही यूरोप,अमेरिका और ब्रिटेन के नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों ने रूस के ख़िलाफ़ एक के बाद एक बहोत ही कड़े प्रतिबंध लगाए थे, बाद में ये भी देखा गया कि जी-7 के देशों ने रूसी कच्चे तेल के आयात पर प्राइस कैप लगा दिया, पर इन सबमे एक बात तो साफ़ निकल कर आई की पश्चिम के देश इस खेल में चूक गए और अपनी ही बनाई नीतियों के खुद शिकार हो गए। 

पश्चिमी देशों के भारी दबाओ के भारत ने बहोत ही संतुलित कदम उठाया और इस उथल पुथल में भारत द्वारा उठाये गए क़दमों ने भारत को बहोत इम्पोर्टेन्ट स्थिति में ला दिय।अब की स्थिति ये है की यूरोप रूसी तेल लगातार खरीद रहा है पर ये खरीददारी भारत के ज़रिए हो रही है, और एक तरह से यूँ कहें की, यूरोप भारत के ज़रिए रूस का तेल ख़रीद कर अपने ही प्रतिबंधों का लगातार उल्लंघन भी कर रहा है. आइये जानें कैसे। 

कितना तेल खरीदता है भारत 

एक तरफ जहाँ यूक्रेन जंग के बाद भारत का तेल आयात रूस से  लगभग 1,351 फ़ीसदी बढ़ गया है तो दूसरी तरफ भारत  एक बड़ा तेल निर्यातक यानी की ईंधन निर्यातक भी बन गया। आखिर ये कैसे हुआ ? ये बात असल में द सेंटर फ़ॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर द्वारा की गई एक डाटा सर्वे में सामने आई है, इस रिपोर्ट में ये विस्तार से बताया गया है की किस तरह यूरोपियन यूनियन, ऑस्ट्रेलिया और जी-7 के देश रुसी तेल भारत और चाइना से ले रहें हैं। और भारत इसी रुसी तेल को बेचकर एक बड़ा तेल निर्यातक यानी की ईंधन निर्यातक देश बन गया है। 

यूरोपियन यूनियन के देश चाइना और भारत से रूस का ही तेल पर रिफ़ाइंड किया हुआ तेल ख़रीद रहें हैं, दरअसल अमेरिका और यूरोपियन यूनियन द्वारा रूस पर लगाया गया प्रतिबन्ध कच्चे तेल को लेकर है, ये प्रतिबन्ध रिफाइंड किया हुआ रुसी तेल पर नहीं है, इसी वजह से भारत और चाइना के रिफाइनरी कम्पनियाँ रूस का ही तेल रिफाइन कर के यूरोप को बेच रहें हैं, है न अजीब बात की यूरोपियन यूनियन को वही रुसी तेल रिफाइन किया हुआ हो तो खरीदने में कोई इतराज नहीं है।  यह वास्तव में अपनी जरूरतों को ध्यान में रखकर लिया गया फैसला है। 

पिछले साल के आंकड़े 

यूरोपीय देश चाहे जिस कारणों से भी ऐसा कर रहें हों पर इससे भारत को काफी फायदा पहुंचा है और इसी तेल को बेच बेच के भारत अब एक बड़ा तेल निर्यातक यानी की ईंधन निर्यातक देश बन गया है। रूस से भारत का तेल आयात 30.85 लाख टन से बढ़कर 5.59 करोड़ टन पहुँच गया है, वहीँ अगर चाइना की बात करें तो ये 3.98 करोड़ टन से बढ़कर 5.77 करोड़ टन पहुँच गया है।  ये आंकड़े पिछले 1 साल के हैं। 

 

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