हरियाणा के करनाल में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। दर्जनभर से अधिक नेताओं ने पार्टी छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। इन नेताओं में 42 साल पुराने कांग्रेस नेता त्रिलोचन सिंह, अशोक खुराना और नीटू मान समेत कई प्रमुख चेहरे शामिल हैं।
करनाल: नगर निगम चुनाव से पहले करनाल में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पहले से ही संगठन की कमी और गुटबाजी से जूझ रही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में भगदड़ मच गई है। मनोहर लाल और नायब सिंह सैनी के खिलाफ दो बार करनाल विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके 42 साल पुराने नेता और कांग्रेस के जिला संयोजक त्रिलोचन सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक खुराना, युवा नेता नीटू मान समेत दर्जनभर नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया। इन नेताओं के जाने से कांग्रेस की स्थिति और कमजोर होती दिख रही है, जबकि भाजपा को इसका सीधा फायदा मिलेगा।
क्या हैं पार्टी छोड़ने का मुख्य कारण?
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के दोनों नेताओं ने मेयर पद के लिए टिकट नहीं मिलने को पार्टी छोड़ने का मुख्य कारण बताया। सुबह कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद शाम को सभी नेताओं ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अगुवाई में भाजपा का दामन थाम लिया। गौरतलब है कि कांग्रेस ने इस बार मेयर पद के लिए मनोज वधवा को प्रत्याशी बनाया, जबकि त्रिलोचन सिंह और अशोक खुराना भी टिकट के दावेदार थे। टिकट न मिलने और पार्टी में अनदेखी को लेकर नेताओं ने नाराजगी जाहिर की थी, लेकिन हाईकमान उन्हें मनाने में नाकाम रहा।
इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी खुद त्रिलोचन सिंह और अशोक खुराना के घर पहुंचे, जहां उन्होंने मुंह मीठा कराकर दोनों नेताओं का भाजपा में स्वागत किया। कांग्रेस के ही नेता प्रवेश गाबा को भी मुख्यमंत्री ने घर जाकर भाजपा ज्वाइन कराई। देर शाम कांग्रेस, जजपा और आम आदमी पार्टी के 100 से अधिक कार्यकर्ताओं ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की, जिन्हें पटका पहनाकर सीएम ने पार्टी में स्वागत किया।