जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के हटने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों और जनता में काफी उत्साह देखा जा रहा है। इस संदर्भ में चुनाव आयोग ने केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव की घोषणा भी कर दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव तीन चरणों में आयोजित किए जाएंगे।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के हटने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव के आयोजन की तैयारी चल रही है। इस चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों और आम जनता के बीच जबरदस्त उत्साह व्याप्त है। इसी संदर्भ में आज यानी शुक्रवार (१६ अगस्त) को चुनाव आयोग ने केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर, दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर और तीसरे व आखरी चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होगा। वहीं चुनाव परिणाम 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने किया था जम्मू कश्मीर का दौरा
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहां कि हाल ही में उन्होंने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनावी तैयारियों का निरीक्षण करने के लिए यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने लोगों में उत्साह की एक नई लहर देखी। लोग चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहते हैं और उनकी इच्छा है कि चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं।
राजीव कुमार ने कहां कि "लोकसभा चुनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर में मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि लोग न केवल बदलाव की इच्छा रखते हैं, बल्कि इस बदलाव का हिस्सा बनकर अपनी आवाज भी उठाना चाहते हैं। यह लोकतंत्र की ताकत है जो दिखाती है कि लोग अपनी स्थिति को बदलना चाहते हैं और अपनी किस्मत को खुद लिखना चाहते हैं। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकसभा चुनाव में बुलेट के बजाय बैलेट को चुना हैं।"
जम्मू-कश्मीर में कुल 87.09 लाख मतदाता
प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर के 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 42.6 लाख महिलाओं सहित कुल 87.09 लाख मतदाता हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में कुल 90 निर्वाचन क्षेत्र हैं, जिनमें से 74 सामान्य, 9 अनुसूचित जाति, और 7 अनुसूचित जनजाति के लिए निर्धारित हैं। मतदाताओं की कुल संख्या 87.09 लाख है, जिसमें 44.46 लाख पुरुष और 42.62 लाख महिला मतदाता शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर में युवा मतदाताओं की संख्या 20 लाख हैं।
परिसीमन के बाद हुई 90 सीट
यह जानना महत्वपूर्ण है कि वर्ष 2019 में परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की कुल संख्या 90 हो गई है, जिसमें से 9 सीटें आरक्षित हैं। नई विधानसभा में महिलाओं के लिए भी सीटों की संख्या में वृद्धि की गई है। जम्मू संभाग में पहले 37 सीटें थीं, जो अब बढ़कर 43 हो गई हैं। वहीं, कश्मीर संभाग में पहले 46 सीटें थीं, जो अब 47 हो गई हैं। यदि हम पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) की बात करें, तो वहां 24 सीटें हैं। इस प्रकार यदि पीओके को भी शामिल किया जाए, तो जम्मू-कश्मीर में कुल 114 विधानसभा सीटें हैं।