Jio Network: रिलायंस Jio के 8 साल पूरे, भारत ने डाटा खपत में छोड़ा सबको पीछे, 155वें से दुनिया का बना नंबर वन नेटवर्क

Jio Network: रिलायंस Jio के 8 साल पूरे, भारत ने डाटा खपत में छोड़ा सबको पीछे, 155वें से दुनिया का बना नंबर वन नेटवर्क
Last Updated: 05 सितंबर 2024

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के अनुसार, रिलायंस जियो के लॉन्च से पहले भारतीय ग्राहकों का औसत डेटा उपयोग प्रति माह 410MB था। रिलायंस जियो ने 2016 में भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में प्रवेश किया और कम कीमत पर अनलिमिटेड डेटा और वॉयस कॉल सेवाएं प्रदान करके डेटा खपत को बढ़ावा दिया।

Relience Jio: रिलायंस जियो 5 सितंबर 2024 को अपनी 8वीं सालगिरह मना रही है, और इस दौरान उसने भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री में कई बड़े बदलाव किए हैं। TRAI के आंकड़ों के अनुसार, जियो के लॉन्च से पहले एक औसत भारतीय उपभोक्ता प्रति माह केवल 410MB डेटा का उपयोग करता था। जियो की किफायती डेटा सेवाओं ने इस आंकड़े को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब जियो नेटवर्क पर प्रति ग्राहक डेटा खपत 73 गुना बढ़कर प्रति माह 30.3GB हो गई है, जिसका अर्थ है कि हर ग्राहक रोजाना 1GB से अधिक डेटा का उपयोग कर रहा है।

जियो के इस प्रभाव के कारण पूरे टेलीकॉम सेक्टर में डेटा खपत में वृद्धि देखी गई है। वर्तमान में, भारतीय टेलीकॉम यूजर्स औसतन हर महीने करीब 25GB डेटा का इस्तेमाल कर रहे हैं, जोकि एक बड़ा बदलाव है। इसका श्रेय जियो द्वारा पेश की गई किफायती सेवाओं और इंटरनेट की व्यापक पहुंच को जाता है, जिसने भारत में डेटा उपयोग की संस्कृति को बदल दिया है।

भारत में डेटा खपत में हुई वृद्धि

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने 8 साल पहले जब रिलायंस जियो की शुरुआत की थी, तब से यह कंपनी भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में एक क्रांति का प्रतीक बन गई है। आज जियो भारत की टॉप टेलीकॉम कंपनी के रूप में जानी जाती है, जिसका ग्राहक बेस 49 करोड़ हो गया है, जिसमें से 13 करोड़ ग्राहक 5G सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं।

जियो के नेटवर्क की विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल ट्रैफिक डेटा नेटवर्क बन चुका है। दुनिया का 8 प्रतिशत मोबाइल डेटा ट्रैफिक जियो के नेटवर्क पर चलता है, और इसके यूजर्स हर महीने 148.5 बिलियन GB डेटा की खपत कर रहे हैं। यह आंकड़ा भारत की कुल डेटा खपत का लगभग 60% है।

जियो की वजह से भारत ने डेटा खपत के मामले में वैश्विक स्तर पर एक बड़ा छलांग लगाई है, और वह 155वें स्थान से पहले स्थान पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि जियो की किफायती सेवाओं और व्यापक नेटवर्क की बदौलत हासिल हुई है, जिसने भारत को डिजिटल युग में आगे बढ़ाया है।

 जिओ दुनिया का बना नंबर वन नेटवर्क

रिलायंस जियो का 4G टेक्नोलॉजी और स्पीड में रिकॉर्ड वाकई शानदार रहा है, और अब कंपनी 5G तकनीक में भी अपने बड़े प्लान्स के साथ अग्रणी भूमिका निभा रही है। जियो के 5G नेटवर्क के माध्यम से कंपनी निम्नलिखित क्षेत्रों में प्रमुख नवाचार और सुधार की दिशा में काम कर रही है:

AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस):- उन्नत डेटा एनालिटिक्स और ऑटोमेशन के लिए AI तकनीकों का उपयोग।

कनेक्टेड ड्रोन:- कृषि, निगरानी, और आपातकालीन सेवाओं में ड्रोन का इस्तेमाल।

कनेक्टेड एंबुलेंस और अस्पताल:- आपातकालीन सेवाओं में त्वरित और सटीक उपचार के लिए।

कनेक्टेड खेत-खलिहान:- स्मार्ट एग्रीकल्चर और फसलों की निगरानी के लिए कनेक्टिविटी।

कनेक्टेड स्कूल-कॉलेज:- शिक्षा के क्षेत्र में ऑनलाइन कक्षाओं और संसाधनों की उपलब्धता में सुधार।

ईकॉमर्स ईज:-  ऑनलाइन शॉपिंग और लॉजिस्टिक्स को और अधिक कुशल बनाने के लिए।

अविश्वसनीय स्पीड पर एंटरटेनमेंट:- उच्च स्पीड इंटरनेट के माध्यम से बेहतर मनोरंजन अनुभव।

रोबोटिक्स:- स्वचालित और स्मार्ट रोबोट्स की उपयोगिता बढ़ाना।

क्लाउड पीसी:- क्लाउड-आधारित कंप्यूटिंग और स्टोरेज समाधान।

इमर्सिव टेक्नोलॉजी:- वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) जैसे अनुभव प्रदान करना।

वर्चुअल थिंग्स:- इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और स्मार्ट डिवाइसों का एकीकृत उपयोग।

इन सभी क्षेत्रों में जियो के प्रयास केवल टेलीकॉम इंडस्ट्री को आगे बढ़ा रहे हैं, बल्कि वे विभिन्न उद्योगों और जीवनशैली के पहलुओं में भी क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं। 5G टेक्नोलॉजी के साथ, कंपनी का उद्देश्य एक अधिक जुड़े और स्मार्ट भविष्य की दिशा में काम करना है।

डिजिटल इकॉनोमी की रीढ़ मजबूत

रिलायंस जियो के आने से भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में बड़ा बदलाव आया है, और इसके कई सकारात्मक प्रभाव हुए हैं:

फ्री कॉलिंग और कम खर्च- जियो के फ्री कॉलिंग और सस्ते डेटा प्लान्स के कारण मोबाइल रखने का खर्च काफी कम हो गया है। इससे ग्राहकों को अधिक किफायती सेवाएं मिल रही हैं।

सस्ता डेटा- भारत अब दुनिया के सबसे सस्ते डेटा बाजारों में से एक बन गया है। डेटा की सस्ती दरों ने डिजिटल इकॉनोमी की रीढ़ को मजबूत किया है और इंटरनेट को आम लोगों तक अधिक पहुंचाया है।

डिजिटल ट्रांजैक्शन्स में वृद्धि- डेटा की सस्ती दरों और बढ़ती इंटरनेट पहुंच के कारण भारत ने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन्स में बड़ी छलांग लगाई है। देश अब विकसित और सुपरपावर देशों को भी पीछे छोड़ते हुए डिजिटल लेन-देन में अग्रणी बन गया है।

-कॉमर्स का उभार- सस्ती डेटा और कनेक्टिविटी के कारण -कॉमर्स में नई जान आई है। अब लोग घर बैठे आसानी से शॉपिंग कर सकते हैं, टिकट खरीद सकते हैं, एंटरटेनमेंट का आनंद ले सकते हैं, और बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।

सुविधा और एक्सेस- डिजिटल सेवाओं की उपलब्धता ने जीवन को अधिक सुविधाजनक और सुलभ बना दिया है। लोग अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर आसानी से सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं, जिससे समय और प्रयास की बचत होती है।

 

 

 

 

 

 

 

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