महाकुंभ में लगे श्रमिकों के बच्चों के लिए मेला क्षेत्र में अस्थाई स्कूलों की व्यवस्था की गई है। इन स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। इस उद्देश्य के तहत, पांच "विद्या कुंभ" प्राथमिक विद्यालय स्थापित किए गए हैं, जहां कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाया जा रहा हैं।
प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में 2025 के महाकुंभ की तैयारियां पूरी जोरों-शोरों पर हैं। महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने में लाखों श्रमिकों का योगदान है, जो न सिर्फ प्रयागराज बल्कि प्रदेश और देश के विभिन्न हिस्सों से आए हैं। मेला क्षेत्र में सफाई, सुविधाएं और व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के साथ-साथ इन श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा हैं।
इन बच्चों की पढ़ाई में कोई रुकावट न आए, इसके लिए मेला क्षेत्र में अस्थाई स्कूलों का निर्माण किया गया है। इस पहल के तहत, पांच "विद्या कुंभ" प्राथमिक विद्यालय शुरू किए गए हैं, जहां कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। इन विद्यालयों का उद्देश्य श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करना है, ताकि वे महाकुंभ के दौरान अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।
योगी सरकार की नई पहल
बेसिक शिक्षा विभाग की इस पहल में शिव नाडर संस्थान का भी महत्वपूर्ण सहयोग मिल रहा है, जिससे महाकुंभ में बच्चों की शिक्षा को और बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस पहल के तहत, मेला क्षेत्र में अस्थाई स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। बच्चों को आकर्षक तरीके से शिक्षा देने के लिए इन स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस का भी निर्माण किया गया है। इन स्मार्ट क्लासेस में बच्चों को ऑडियो-विजुअल माध्यमों से पढ़ाई करवाई जा रही है, ताकि वे अधिक रुचि लेकर सीख सकें।
विद्या कुंभ सेक्टर दो के प्रधानाचार्य दिलीप मिश्र के अनुसार, न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि मध्य प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों से आए बच्चे भी इन स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। इन बच्चों को उनके पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षा दी जा रही है, और कुंभ मेला 2025 तक ये बच्चे यहां शिक्षा प्राप्त करेंगे।
26 फरवरी तक चलने वाले इस महाकुंभ के दौरान इन बच्चों को पढ़ाई का पूरा अवसर मिलेगा, और जब वे अपने घर लौटेंगे, तो उन्हें बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा। यह सर्टिफिकेट उनके संबंधित स्कूलों में दाखिल होने और परीक्षा में बैठने के लिए उपयोगी होगा, जिससे उनकी शिक्षा में कोई भी खलल नहीं पड़ेगा।
बच्चों को उपलब्ध कराई गई शिक्षा सामग्री
बेसिक शिक्षा विभाग ने महाकुंभ क्षेत्र में पढ़ाई कर रहे बच्चों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। स्कूल में बच्चों के लिए स्कूल ड्रेस, कॉपी, किताबें और अन्य शैक्षिक सामग्री का इंतजाम किया गया है। शिव नाडर संस्था के सहयोग से बच्चों को उमंग किट दी गई है और स्मार्ट क्लास का भी इंतजाम किया गया है, जिससे बच्चों की पढ़ाई और भी आकर्षक और प्रभावी हो गई है। स्मार्ट क्लास में बच्चों की रुचि सबसे ज्यादा देखने को मिली, और यह तकनीकी शिक्षा के माध्यम से उन्हें और अधिक आकर्षित कर रही हैं।
इसके अतिरिक्त, एजुकेट गर्ल्स संस्था ने भी बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी हर आवश्यक सामग्री की व्यवस्था में मदद की है, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। स्कूल में एक प्रधानाध्यापक के साथ पांच अध्यापकों की नियुक्ति की गई है, जो बच्चों को हिंदी, गणित और अंग्रेजी जैसे बुनियादी विषयों की तालीम दे रहे हैं। इन अध्यापकों का मुख्य उद्देश्य बच्चों को शिक्षा के माध्यम से उनकी जीवनशैली को बेहतर बनाना और उन्हें एक उज्जवल भविष्य की ओर मार्गदर्शन करना हैं।
महाकुंभ के ओएसडी ने किया अस्थाई विद्यालय का उद्घाटन
महाकुंभ में बच्चों के लिए अस्थाई विद्यालय का उद्घाटन महाकुंभ के ओएसडी आकांक्षा राणा ने किया। उद्घाटन के दौरान, आईएएस आकांक्षा राणा ने बच्चों को शिक्षा का महत्व समझाया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बच्चों को यह बताया कि शिक्षा उनके भविष्य को संवारने का सबसे अच्छा तरीका है और उन्हें इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
दिलीप मिश्र, प्रधानाचार्य, विद्या कुंभ विद्यालय, ने बताया कि शास्त्री ब्रिज के नीचे स्थित सैनिटेशन विद्यालय टू की शुरुआत 9 दिसंबर से की गई थी। इसके लिए पहले बस्ती का सर्वे किया गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कौन से बच्चे किस कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं और उनकी उम्र क्या है। सर्वे के आधार पर बच्चों को कक्षा में प्रवेश दिया गया।
शुरुआत में करीब 150 बच्चों ने इस विद्यालय में पढ़ाई शुरू की, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। 27 दिसंबर तक स्कूल में 205 बच्चों ने पढ़ाई शुरू कर दी थी, और यह संख्या अभी भी बढ़ती जा रही है, क्योंकि नए श्रमिक लगातार आ रहे हैं और वे इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।