महाराष्ट्र की नई देवेंद्र फडणवीस सरकार में कुछ पुराने मंत्रियों का जगह बदल सकती है। नए चेहरों को महायुति की इस सरकार में शामिल किया जा सकता है।
Maharashtra Cabinet: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है। अब सभी की निगाहें महायुति गठबंधन के आगामी कैबिनेट विस्तार पर टिकी हैं। पुराने मंत्रीयों को हटाने और नए चेहरों को जगह देने की रणनीति पर काम शुरू हो गया है। 14 दिसंबर को कैबिनेट विस्तार की घोषणा की जा सकती है, इससे पहले 16 दिसंबर से शीतकालीन विधानसभा सत्र भी शुरू हो जाएगा।
कैबिनेट में पुराने चेहरों की जगह नए चेहरे
बीजेपी-शिवसेना के साथ एनसीपी समेत अन्य सहयोगियों की सहमति के बाद, कैबिनेट में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। पिछली सरकार में मंत्री रहे कई दिग्गज नामों को उनके खराब प्रदर्शन और प्रतिष्ठा के कारण बाहर किया जा सकता है। बीजेपी में जिन नेताओं को अब तक मौका नहीं मिला, उन्हें मौका मिल सकता है, जबकि शिंदे-फडणवीस के साथ भाजपा की नई रणनीति के तहत युवा और प्रभावी चेहरों को प्राथमिकता दी जा सकती है।
शिवसेना से संभावित मंत्रियों में संजय राठौड़ (एफडीए, जल संसाधन), अब्दुल सत्तार (अल्पसंख्यक एवं विपणन), तानाजी सावंत (स्वास्थ्य) के नाम प्रमुख हैं। एनसीपी से दिलीप वाल्से पाटिल (सहकार), हसन मुश्रीफ (चिकित्सा शिक्षा) और बीजेपी से सुरेश खाड़े (श्रम), विजयकुमार गावित (आदिवासी कल्याण) के नाम शामिल हैं।
नई कैबिनेट में शामिल होने वाले संभावित नेता
नई कैबिनेट में संभवत: शिवसेना से उदय सामंत, शंभुराज देसाई, दादा भूसे, गुलाबराव पाटिल, संजय शिरसाट, भरत गोगावले, प्रताप सरनाईक, आशीष जयसवाल, राजेश क्षिरसागर और अर्जुन खोतकर मंत्री बन सकते हैं। एनसीपी से छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, धर्मराव बाबा अत्राम, अदिति तटकरे, संजय बंसोड़, नरहरि जिरवाल, दत्ता भरणे, अनिल भाईदास पाटिल, मकरंद आबा पाटिल संभावित हैं। बीजेपी से चंद्रकांत पाटिल, गिरीश महाजन, सुधीर मुनगंटीवार, चंद्रशेखर बावनकुले, रवीन्द्र चव्हाण, मंगल प्रभात लोढ़ा, राधाकृष्ण विखे पाटिल, शिवेंद्र राजे भोसले, अतुल बच्चाव, पंकजा मुंडे, माधुरी मिसाल, देवयानी फरांदे, संजय कुटे, आशीष शेलार और गणेश नाइक के नाम चर्चा में हैं।
विपक्ष ने इस देरी पर सरकार पर हमला बोला है, जबकि बीजेपी-शिवसेना-NCP गठबंधन ने इसे जनादेश का सम्मान बताया है। आने वाले नगर निगम चुनावों के मद्देनजर नए चेहरों को कैबिनेट में जगह देने की रणनीति तैयार की गई है, जो आगामी चुनावों में गठबंधन की मजबूती हो सकती है।