महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हेलीकॉप्टर और उनके सामान की तलाशी लिए जाने का मामला सामने आया है। यह घटना हिंगोली जिले में हुई, जहां चुनाव आयोग की टीम ने हेलीकॉप्टर की तलाशी ली।
मुंबई: महाराष्ट्र के हिंगोली में चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हेलीकॉप्टर और उनके बैग की तलाशी का मामला सामने आया। यह कार्रवाई चुनाव आयोग की फ्लाइंग स्क्वॉड टीम ने की। इस घटना की जानकारी देते हुए अमित शाह ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक वीडियो साझा किया और कहा कि भाजपा निष्पक्ष चुनाव और स्वस्थ चुनाव प्रणाली में विश्वास करती है तथा चुनाव आयोग के सभी नियमों का पालन करती हैं।
उन्होंने इसे आयोग की जिम्मेदारी बताया और किसी आपत्ति का इजहार नहीं किया। यह तलाशी चुनाव आचार संहिता के तहत की गई, जो विधानसभा चुनावों के दौरान लागू रहती है। आयोग ऐसी जांचें सुनिश्चित करता है ताकि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह ने क्या कहा?
गृह मंत्री अमित शाह ने हिंगोली में हुई हेलीकॉप्टर तलाशी पर कहा कि सभी को निष्पक्ष चुनाव प्रणाली में योगदान देना चाहिए और भारत को दुनिया का सबसे मजबूत लोकतंत्र बनाए रखने में अपना कर्तव्य निभाना चाहिए। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार के दौरान उनके हेलीकॉप्टर की तलाशी बिहार के कटिहार में ली गई थी। यह कार्रवाई भी चुनाव आयोग द्वारा की गई थी।
गौरतलब है कि 12 नवंबर को उद्धव ठाकरे के हेलीकॉप्टर की तलाशी को लेकर विवाद हुआ था। इस घटना के बाद निर्वाचन आयोग ने अपनी नीतियों को स्पष्ट करते हुए कहा कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी राजनीतिक नेताओं और उनके सामान की जांच करना अनिवार्य है। आयोग की यह नीति सभी पर समान रूप से लागू होती है, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से हों।
चुनाव आयोग ईमानदारी से निभा रहा अपनी जिम्मेदारी
चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं के हेलीकॉप्टर और बैग की तलाशी को लेकर चुनाव आयोग की सख्ती चर्चा का विषय बनी हुई है। सूत्रों ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के बयान को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रवर्तन एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सभी प्रत्याशियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित किया जाए। इसके तहत हर नेता के हेलीकॉप्टर और सामान की जांच सुनिश्चित की जानी चाहिए।
चुनाव आयोग के एक पदाधिकारी ने बताया कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने और समान अवसर देने के लिए सख्त एसओपी का पालन किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान बिहार में भी ऐसे मामले सामने आए थे। आयोग ने स्पष्ट किया कि 24 अप्रैल को भागलपुर जिले में भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सहित कई प्रमुख नेताओं के हेलीकॉप्टरों की तलाशी ली गई थी। इसी एसओपी के तहत 21 अप्रैल को कटिहार जिले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जांच भी की गई थी।
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए यह प्रक्रिया जरूरी मानी जाती है। महाराष्ट्र में हाल ही में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जैसे प्रमुख नेताओं के बैग और हेलीकॉप्टरों की तलाशी ली गई है। चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी उम्मीदवार विशेष छूट या लाभ न प्राप्त कर सके।