गोविंद ढोलकिया, जो मशहूर हीरा कारोबारी और श्रीरामकृष्ण एक्सपोर्ट्स के संस्थापक हैं, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत के नक्शे के आकार में तराशा गया हीरा भेंट किया है। इस अनोखे हीरे को "नवभारत रत्न" नाम दिया गया हैं।
नई दिल्ली: गोविंद ढोलकिया, जो मशहूर हीरा कारोबारी और राज्यसभा सांसद हैं, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खास भेंट दी है। उन्होंने पीएम मोदी को भारत के नक्शे के आकार में तराशा गया 2.120 कैरेट का प्राकृतिक हीरा भेंट किया है, जिसे 'नवभारत रत्न' नाम दिया गया है। यह हीरा भारत की एकता, सुंदरता और अनंत चमक का प्रतीक है। इसे विशेष रूप से तैयार कर देश के गौरव और प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणादायक नेतृत्व क्षमता का सम्मान किया गया है। गोविंद ढोलकिया, जो श्रीरामकृष्ण एक्सपोर्ट्स (SRK) के संस्थापक-चेयरमैन हैं, प्राकृतिक हीरों के निर्माण और निर्यात में अग्रणी हैं।
पीएम मोदी को मिला 'नवभारत रत्न' सम्मान
सूरत के कुशल शिल्पकारों द्वारा तैयार किया गया 'नवभारत रत्न' हीरा एक उत्कृष्ट कृति है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया गया है। इस विशेष हीरे को भारत के नक्शे के आकार में तराशा गया है, और इसे तैयार करने में 3700 मिनट की मेहनत लगी है। यह हीरा न केवल भारत की समृद्धि और एकता का प्रतीक है, बल्कि देश के उज्ज्वल भविष्य को समर्पित एक श्रद्धांजलि भी हैं।
इस अद्भुत रचना को तैयार करने में शिल्पकार राजेशभाई कछाड़िया और विशालभाई इटालिया जैसे विशेषज्ञों की अहम भूमिका रही है। उन्होंने इस परियोजना को योजनाबद्ध तरीके से और अत्यंत बारीकी से पूरा किया। 'नवभारत रत्न' हीरे की यह उत्कृष्टता भारतीय कारीगरी और तकनीकी कौशल का एक अनूठा उदाहरण है, जो भारत की कलात्मक विरासत और उसकी वैश्विक पहचान को दर्शाती हैं।
क्या हैं 'नवभारत रत्न' की खासियत
'नवभारत रत्न' हीरा, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया गया, भारत की समृद्धि, एकता और उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक है। इसे तैयार करने में सूरत के शिल्पकारों ने अभूतपूर्व मेहनत की हैं।
* श्रीरामकृष्ण एक्सपोर्ट्स (SRK) के अनुभवी कारीगर राजेशभाई कछाड़िया और विशालभाई इटालिया ने इस परियोजना को साकार किया।
* राजेशभाई कछाड़िया, जो SRK में पिछले 14 वर्षों से कार्यरत हैं, ने इस हीरे को भारत के नक्शे का आकार देने में 40 घंटे लगाए। उन्होंने अपने इस कार्य को सैनिक के बलिदान के समान समझते हुए समर्पण से पूरा किया।
विशालभाई इटालिया, जो SRK में 6 वर्षों से कार्यरत हैं, ने हीरे की गिर्डल (हीरे के किनारे) को पॉलिश करने में 22 घंटे की बारीकी और धैर्य से काम किया।
इनकी कड़ी मेहनत और कौशल के कारण 'नवभारत रत्न' न केवल एक हीरा है, बल्कि यह भारत के उज्ज्वल भविष्य और उसकी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बन गया हैं।