नोएडा के सेक्टर-27 स्थित एक चार मंजिला अपार्टमेंट में पटाखों से आग लगने और सिलेंडर फटने की घटना में एक महिला की मौत हो गई। यह हादसा काफी गंभीर था, जिसके चलते दमकल की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने का काम शुरू किया।
नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर-20 थाना क्षेत्र के सेक्टर-27 में स्थित एक चार मंजिला अपार्टमेंट में एक भयावह हादसा हुआ। इस घटना में एक महिला की मौत हो गई, जबकि एक अन्य महिला गंभीर रूप से घायल हो गई है। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार रात साढ़े आठ बजे प्रथम तल पर पटाखों से आग लग गई, जिसके बाद एक सिलेंडर फटने से तेज धमाका हुआ। इस हादसे के बाद दमकल की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग को बुझाने में जुट गईं।
आग बुझाने के बाद, दूसरे तल पर रहने वाली एक महिला की मौत की पुष्टि हुई, जबकि दूसरी महिला को गंभीर चोटों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे ने अपार्टमेंट के निवासियों में भय और चिंता पैदा कर दी है और पुलिस मामले की जांच कर रही हैं।
बिजली के बोर्ड में स्पार्किंग के कारण लगी आग
डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि सेक्टर-27, एफ-95 पुष्पा देवी के मकान में भूतल पर राजीव, प्रथम तल पर देव, दूसरे तल पर नर्स नम्रता, और तीसरे तल पर अर्पित किराए पर रहते हैं। आग पहले तल पर देव सिंह के मकान में बिजली के बोर्ड में लगने के कारण हुई। जब आग फैली, तो पास में रखे पटाखे इसकी जद में आ गए, जिससे आग और भी विकराल रूप धारण कर ली। यह हादसा न केवल जानमाल के लिए खतरा बन गया, बल्कि अपार्टमेंट में रहने वाले सभी लोगों के लिए भय का कारण भी बना। स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर आग बुझाने और बचाव कार्य में मदद की।
सिलेंडर ने पकड़ी आग
इस भयावह हादसे के दौरान सिलेंडर फटने से एक जोरदार धमाका हुआ, जिससे पूरे अपार्टमेंट में धुआं भर गया। आग और धुएं के कारण लोगों ने भागकर या कूदकर अपनी जान बचाने की कोशिश की, लेकिन दूसरे तल पर रहने वाली नम्रता और उनकी चचेरी बहन श्वेता आग में फंस गईं।
जब दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया, तो दोनों बेहोशी की हालत में अपने घर में मिलीं। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने श्वेता को मृत घोषित कर दिया, जबकि नम्रता का उपचार अभी भी जारी है। इसके अलावा, एक दंपति और उनका बच्चा भी घायल अवस्था में जिला अस्पताल पहुंचे थे, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया गया।