ओडिशा के पुरी रेलवे स्टेशन में रविवार को एक बड़ा हादसा हो गया है। यहां निर्माणाधीन पोर्टिको की छत गिरने से 6 श्रमिक जख्मी हो गए हैं। इनमें से 4 की हालत गंभीर बताई जा रही है।
भुवनेश्वर न्यूज़: ओडिशा के जगन्नाथ धाम पुरी में विश्वस्तरीय रेल स्टेशन का निर्माण कार्य अभी चल रहा है। हालांकि, इसी दौरान रविवार (28 अप्रैल) को स्टेशन की निर्माणाधीन ईमारत का एक हिस्सा अचानक ढह गई है। जिससे इस हादसे में यहां कार्य में सलंगन 6 श्रमिक जख्मी हो गए हैं, जिनमें से 4 की हालत गंभीर बतायी गई है। 35 फीट चौड़ी व 30 फीट लम्बी पोर्टिको की छत बताई गई।
घायलों को पहुंचाया अस्पताल
यह घटना पुरी रेलवे स्टेशन पर चल रहे प्रोजेक्ट के नए कॉरिडोर पर रविवार को सुबह करीब 10 बजे के आस-पास की है। सूत्रों के मुताबिक, हादसे के समय करीब श्रमिक काम कर रहे थे। निर्माणाधीन छत गिरने से सभी श्रमिक घायल हो गए जिनकों तुरंत जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया। मलबे में कुछ मजदूरों की दबने की आशंका भी जताई गई। जिसके लिए बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है।
पोर्टिको निर्माण में 392 करोड़ रुपये की लागत
subkuz.com को मिली जानकारी के अनुसार, ओडिशा में आने वाले चक्रवात को ध्यान में रखते हुए रेलवे स्टेशन पर चल रहे प्रोजेक्ट के नए कॉरिडोर जो 250 किमी. हवा का मुकाबला करने के लिए तीन मंजिला इमारत का निर्माण कार्य चल रहा है।
बताया जा रहा है कि इस कार्य को 2025 तक पूरा करना है। इस प्रोजेक्ट को 392 करोड़ रुपए की लगत से बनाया गया है। स्टेशन के सामने के हिस्से की डिजाइन के अनुसार तीन पोर्टिको निर्माण करने की योजना थी। जिसके तहत इसमें से एक का निर्माण कार्य अंतिम चरण में था।
हादसे में घायल मजदूरों की पहचान
जानकारी के अनुसार, 35 फुट चौड़ा एवं 30 फुट लम्बा दूसरे पोर्टिक का एक हिस्सा रविवार को ढह गया था। हालांकि, अचानक सेंडिंग के ढहने के बाद पोर्टिको की पूरी छत के साथ कंक्रीट एवं लोहे की छड़ नीचे गिर गई। ऐसे में वहां कार्यरत चार श्रमिक शम्भु बेरा (30), विसु मंडल (33), शंकर बेरा (35) तथा कुनु गौड़ (32) गम्भरी रूप से घायल हो गए हैं। इनका नजदीकी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
घटना की सुचना पाकर तुरंत पुलिस टीम और बचाव दल मौके पर घटनास्थल पहुंचे। सभी घायल मजदूरों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि जेसीबी का उपयोग कर लोहे के ढांचे के मलबे को साफ किया जा रहा है। फ़िलहाल सभी मजदूर खतरे से बाहर हैं।