Parliment Budget Session: बजट सत्र में टैरिफ विवाद पर गरमाएगी सियासत, विपक्ष सरकार से मांगेगा जवाब

Parliment Budget Session: बजट सत्र में टैरिफ विवाद पर गरमाएगी सियासत, विपक्ष सरकार से मांगेगा जवाब
अंतिम अपडेट: 6 घंटा पहले

आज संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत के साथ ही विपक्षी दल अमेरिकी टैरिफ नीति पर सरकार की स्थिति को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। 

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत के साथ ही विपक्षी दल अमेरिकी टैरिफ नीति पर सरकार की स्थिति को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में स्पष्टीकरण मांगने की योजना बना रही हैं कि क्या भारत ने अमेरिकी टैरिफ कटौती की शर्तों को स्वीकार कर लिया हैं।

अमेरिकी बयान पर बवाल, सरकार से स्पष्टता की मांग

यह विवाद तब शुरू हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान में दावा किया कि भारत टैरिफ कटौती पर सहमत हो चुका है। खासतौर पर, यह बयान तब आया जब भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल व्यापार वार्ता के लिए वाशिंगटन में थे। कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सवाल उठाया कि क्या भारत सरकार ने किसी ‘गुप्त समझौते’ पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे देश के किसानों और विनिर्माण उद्योग को नुकसान हो सकता है?

विपक्ष की रणनीति

संसद में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने के लिए कांग्रेस और डीएमके समेत तमिलनाडु के विपक्षी दल संयुक्त रणनीति बना रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि मोदी सरकार को साफ करना चाहिए कि उसने अमेरिका के साथ किन शर्तों पर समझौता किया है और इसका भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा।इसके अलावा, विपक्ष दक्षिण भारत के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन और स्कूली शिक्षा में नई भाषा नीति का भी कड़ा विरोध करने की योजना बना रहा है। डीएमके और कांग्रेस के सहयोगी दल इस मुद्दे को सदन में जोरदार तरीके से उठाएंगे।

पीयूष गोयल की अमेरिका यात्रा के दौरान बनी सहमति?

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "क्या मोदी सरकार ने भारतीय किसानों और विनिर्माण क्षेत्र के खिलाफ कोई फैसला ले लिया है? अगर ऐसा है तो प्रधानमंत्री को 10 मार्च को संसद में खुद इसका जवाब देना चाहिए।" सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन संभावना है कि प्रधानमंत्री या वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल संसद में इस मुद्दे पर सफाई दे सकते हैं।

इस सत्र के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने की पूरी संभावना है। कांग्रेस इस मुद्दे को किसानों, व्यापारियों और आम जनता से जोड़कर इसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाने की तैयारी में है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और क्या विपक्ष की मांगों का कोई ठोस जवाब मिलता है या नहीं।

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