Rajasthan: ईडी ने लिया बड़ा एक्शन, राजस्थान के जल जीवन मिशन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक और संदिग्ध को किया गिरफ्तार

Rajasthan: ईडी ने लिया बड़ा एक्शन, राजस्थान के जल जीवन मिशन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक और संदिग्ध को किया गिरफ्तार
Last Updated: 17 जून 2024

राजस्थान में ईडी (ED) ने जल जीवन मिशन योजना को लागू करने में कथित अनियमितताओं से संबंधित जांच के सिलसिले में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के संचालक पदमचंद जैन को धनशोधन रोकथाम कानून (PMLA) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है।

New Delhi:
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजस्थान में 'जल जीवन मिशन योजना' (JJM) को लागू करने में कथित अनियमितताओं से संबंधित धनशोधन में चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच सिलसिले में एक नई गिरफ्तारी की है। सूत्रों के अनुसार श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के सीईओ पदमचंद जैन को धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के तहत ईडी की हिरासत में लिया गया है।
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जल जीवन मिशन' योजना

जल जीवन मिशन
दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई जल जीवन मिशन (JJM) योजना का मुख्य उद्देश्य घरेलू नल कनेक्शन के जरिए सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है। फिलहाल, इसे राजस्थान में राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य आभियांत्रिकी (PHE) विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

मामले में पियूष जैन गिरफ्तार
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को मिली जानकारी के अनुसार, जांच एजेंसी ED ने इससे पहले मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पीयूष जैन को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने जांच के दौरान दावा किया है कि पियूष जैनमुख्य आरोपियोंमें से एक है और उसे अपनी कंपनी में इस मामले से जुड़े अपराध की आय प्राप्त होती है।

आरोप में शामिल अधिकारी
प्रवर्तन निदेशालय (ED) का धनशोधन में चल रहा मनी लॉन्ड्रिंग मामला भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा रिकॉर्ड की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें आरोप था कि पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के संचालक महेश मित्तल, पीयूष जैन और अन्य लोग सार्वजनिक स्वास्थ्य और आभियांत्रिकी विभाग (PHED) से विभिन्न टेंडरों की प्राप्ति के संबंध में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने में शामिल थे।

ईडी का क्या है आरोप?
इससे पहले एजेंसी ने जारी एक बयान में आरोप लगाया कि संदिग्ध अपने कॉन्टेक्ट में इस्तेमाल करने के लिए हरियाणा सेचोरीका सामान खरीदने में भी शामिल थे और उन्होंने पीएचईडी के कॉन्टेक्ट प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इरकॉन केफर्जीकार्य समापन पत्र भी जमा किए थे।

ईडी ने दावा किया था कि कई अधिकारीयों ने और प्रॉपर्टी डीलर ने जल जीवन मिशन से धन का गबन करने में राजस्थान सरकार के PHE विभाग के अधिकारियों की मदद की गई थी। इस दौरान जांच में पाया गया कि पदमचंद जैन और महेश मित्तल 'इरकॉन द्वारा जारी किए गए कथित फर्जी कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र और वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों को रिश्वत देकर' जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित टेंडर हासिल करने में शामिल थे।

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