राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 9 नई नीतियों के अनुमोदन सहित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
जयपुर: राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 9 नई नीतियों को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन को लेकर भी अहम निर्णय लिया गया।
इस आयोग का लाभ अब नगरपालिकाओं के कर्मचारियों और पंचायती राज संस्थाओं को भी मिलेगा। यह निर्णय प्रदेश के वित्तीय और प्रशासनिक ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है, जिससे स्थानीय प्रशासन को और अधिक शक्तियां और संसाधन मिलेंगे।
इस महीने से मिलेगा फायदा
उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने जानकारी दी कि राजस्थान सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं और नगरपालिकाओं के लिए 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन को मंजूरी दी है। यह आयोग 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक कार्य करेगा और इसके तहत पंचायती राज संस्थाओं और नगरपालिकाओं को वित्तीय सहायता और संसाधनों के वितरण का काम होगा।
इसके अतिरिक्त, आईएएस खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में गठित कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति द्वारा की गई सिफारिशों को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस समिति की सिफारिशों में वेतन विसंगतियों को दूर करना, वेतन सुधार और पदोन्नति के अतिरिक्त अवसरों की उपलब्धता पर ध्यान दिया गया हैं।
राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला
राजस्थान सरकार द्वारा लिए गए निर्णय से सरकारी कर्मचारियों को कई महत्वपूर्ण लाभ मिलने की संभावना है। 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन और वेतन विसंगति दूर करने से कर्मचारियों के वेतन में सुधार और पदोन्नति के अधिक अवसर मिलेंगे, जो उनके कार्य प्रेरणा को बढ़ाने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री ने वित्त और विनियोग विधेयक पर चर्चा करते हुए यह भी घोषणा की थी कि वेतन विसंगतियों और सुधार से संबंधित सिफारिशों को 1 सितंबर 2024 से लागू किया जाएगा।
इस सुधार के साथ कर्मचारियों को बेहतर वेतन संरचना और पदोन्नति के अधिक अवसर मिलेंगे, जिससे उनकी कार्य क्षमता में सुधार होगा और जीवन स्तर में भी सुधार होगा। यह कदम राज्य के कर्मचारियों के लिए एक सकारात्मक बदलाव होगा, जिससे कर्मचारियों में उत्साह का माहौल बनेगा और वे अपने कार्य में और अधिक प्रेरित होकर प्रदर्शन करेंगे।