राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले दो युवकों ने ठगी को अंजाम दिया है। Phone Pe कंपनी की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी है। जहां दोनों आरोपी फर्जी डाक्यूमेंट्स के जरिए Phone Pe से जुड़े 4 करोड़ का चूना लगाया।
Jaipur News: राजस्थान में Phone Pe कंपनी के साथ करोड़ों की ठगी करने का मामला समाने आया है। जिसमें दौसा क एदो युवकों ने ठगी कर वारदात को अंजाम दिया है। कंपनी की शिकायत पर साइबर पुलिस ने जांच में पाया कि दो शातिर युवकों ने Phone Pe Company को कस्टमर सर्विस का झांसा देकर करीब चार करोड़ रुपये की ठगी कर दी। युवक फर्जी डाक्यूमेंट्स के जरिए कंपनी से जुड़े थे।
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से चार लाख रुपये, 70 डेबिट और क्रेडिट कार्ड के साथ आधा दर्जन मोबाइल फोन जब्त किए हैं। साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया गया है।
27 जून को मामला दर्ज कराया था
ममले की जांच कर रही साइबर थाना पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि 27 जून को फोन-पे कंपनी की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें कहा गया था कि छह महीने में उनके साथ 964 कार्ड का इस्तेमाल कर 3 करोड़ 97 लाख 28 हजार 561 रुपये का चुना लगाया गया है। बताया कि यह ठगी क्रेडिट और डेबिट कार्ड सर्विस प्रोवाइडर पे-बैंक फैसिलिटी का मिसयूज कर की गई।
ममले में आरोपित युवकों की पहचान
थाने में दर्ज शिकायत में कहा गया कि कस्टमर के रुपये व्यापारी के खाते में ट्रांसफर नहीं होने पर फोन-पे अपने खाते से भुगतान करता है। जब फोन-पे कंपनी को ठगी का अहसास हुआ तो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस ने इस मामले में दौसा जिले के दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। दोनों ने Phone Pe से जुड़ने के लिए समय फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था। मामले में शामिल आरोपियों की पहचान 24 वर्षीय मनराज मीणा लालसोट के गांव श्रीरामपुरा और मेहंदीपुर बालाजी सिकराय के नाहरखोरा निवासी 23 वर्षीय लेखराज सेहरा के रूप में हुई है।
कंपनी को करोड़ों का लगाया चुना
इस मामले में दोनों आरोपित पोस मशीन पर लेनदेन फेल होने पर लोगों की मदद करते थे। जब भी किसी Phone Pe कस्टमर की शिकायत आती थी कि उसके खाते से पैसे कट गए, लेकिन पेमेंट व्यापारी के खाते में नहीं गया, तब दोनों आरोपित क्रेडिट और डेबिट कार्ड सर्विस प्रोवाइड करने वाले बैंक से संपर्क करते थे।
शिकायत के आधार पर बताया कि बैंक आरोपितों से जुड़े Phone Pe के खातों में Payment जमा कर देता था। उसके बाद ये दोनों शिकायत करने वाले कस्टमर को पैसा नहीं देते थे, बल्कि खुद उसे निकाल लेते थे। कस्टमर को आश्वासन देते रहते थे। अधिकारी ने बताया कि जब फोन-पे को फर्जीवाड़े का पता चला तो दोनों युवकों ने काम छोड़ दिया। पुलिस के अनुसार जांच पूरी होने के बाद दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।