डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम आज (13 August) सुबह रोहतक की सुनारिया जेल से रिहा हो गए हैं। राम रहीम 21 दिन की फरलो पर बागपत के आश्रम में रहेंगे। हाल ही में पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने पेरोल या फरलो से संबंधित मामले में कहा था कि इस मामले में निर्णय लेने का अधिकार राज्य सरकार के पास है।
Gurmeet Ram Rahim: डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख (Gurmeet Ram Rahim) को एक बार फिर से फरलो मिल गई है। मंगलवार सुबह लगभग 6 बजे, राम रहीम को जेल से रिहा किया गया। उन्हें 21 दिनों की फरलो दी गई है। राम रहीम फिलहाल, रोहतक जिले की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है, और सुबह साढ़े छह बजे उसे कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से बाहर छोड़ा गया। 21 दिनों की इस फरलो के दौरान, गुरमीत राम रहीम बागपत के बरनावा आश्रम में रहेंगे। बता दें कि साल 2024 में गुरमीत राम रहीम दूसरी बार सलाखों के बाहर आया है।
21 दिन की फेरोल पर रहेंगे बागपत आश्रम
मिली जानकारी के अनुसार, डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इस बार अपना जन्मदिन 15 अगस्त को यूपी के बागपत स्थित बरनावा आश्रम में अपने साथी अनुयायियों के साथ मनाने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि 19 अगस्त को रक्षाबंधन के त्यौहार पर भी वे अनुयायियों के साथ बागपत डेरे में रहेंगे।
बताया गया कि रहीम की जेल रिहाई के समय उसे उसकी गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत सुनारिया जेल में लेने के लिए आई थी। वहां कई गाड़ियों का काफिला मौजूद था, लेकिन जेल परिसर की पार्किंग में सिर्फ एक ही गाड़ी पहुंची, जिसमें गुरमीत सिंह को जाना था। वे जेल से अकेले बाहर आए और गाड़ी में बैठकर उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो गए। इतना ही नहीं बल्कि उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस ने काफिले को escort किया।
डेरा प्रमुख की फरलो और पैरोल पर लेना होगा फैसला -कोर्ट
हाल ही में पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) की याचिका का निस्तारण करते हुए डेरा प्रमुख राम रहीम के पैरोल और फरलो मामलों में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ऐसे मुद्दों पर निर्णय लेने में सक्षम है। रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने कहा कि सरकार को नियमों के अनुसार डेरा प्रमुख की फरलो और पैरोल पर निर्णय लेना चाहिए।
इससे पहले 50 दिन की पैरोल पर हुए थे रिहा
राम रहीम को 19 जनवरी को 50 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था। वह हरियाणा के रोहतक जिले की सुनरिया जेल में अपनी 2 महिला अनुयायियों के साथ दुष्कर्म के मामले में 20 साल की सजा काट रहा है। इसके अलावा, राम रहीम और 3 अन्य आरोपियों को 2016 में एक पत्रकार की हत्या के 16 साल पुराने मामले में भी दोषी ठहराया गया था। यह पैरोल रिहाई उसकी लंबी सजा के दौरान एक अस्थायी राहत थी, और उसे जेल में वापस लौटना पड़ा।