डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम पैरोल के 11वें दिन हनीप्रीत संग यूपी के बरनावा आश्रम रवाना हुआ। पुलिस सुरक्षा में उसका काफिला सिरसा से बागपत के लिए निकला।
Ram Rahim News: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह उर्फ राम रहीम (Ram Rahim) ने सिरसा डेरे में पैरोल के 10 दिन पूरे करने के बाद शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे यूपी के बरनावा आश्रम के लिए प्रस्थान किया। इस दौरान उनकी मुंह बोली बेटी हनीप्रीत भी साथ थी। राम रहीम के आश्रम जाने की खबर मिलते ही अनुयायियों ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी थीं। सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के आसपास की सड़कें साफ करवाई गईं और अनुयायियों में उत्साह देखा गया।
पुलिस सुरक्षा में बरनावा आश्रम के लिए हुआ रवाना
राम रहीम ने शनिवार को दिनभर कोई गतिविधि नहीं की और दोपहर तक अपने तेरावास गुफा में ही रहा। दोपहर ढाई बजे उनका काफिला पुलिस सुरक्षा में तेरावास गुफा से यूपी के बरनावा आश्रम के लिए रवाना हुआ। राम रहीम एक लैंड क्रूजर गाड़ी में सवार था और उसके साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी। उनके सिरसा डेरे से रवाना होने के बाद वहां लगाए गए सुरक्षा नाके भी हटा दिए गए।
सिरसा में 10 दिन बिताने के बाद यूपी रवाना
गुरमीत सिंह 28 जनवरी को सिरसा डेरे में पहुंचा था और उसने पैरोल के 10 दिन वहां बिताए। शुक्रवार को पैरोल का 10वां दिन पूरा होते ही वह 11वें दिन यूपी के बरनावा आश्रम के लिए रवाना हो गया। इससे पहले शुक्रवार रात 8 बजे तक उसने अपने अनुयायियों से मुलाकात की और खेल गांव तथा शिक्षण संस्थानों में भी दौरा किया। अब वह पैरोल के शेष 20 दिन यूपी के बरनावा आश्रम में बिताएगा।
सुनारिया जेल में काट रहा है सजा
गुरमीत राम रहीम वर्तमान में रोहतक की सुनारिया जेल में साध्वी यौन शोषण और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड के मामलों में सजा काट रहा है। उसे 28 जनवरी को पैरोल मिली थी, जिसके तहत पहले 10 दिन सिरसा डेरे में रहने के बाद अब 20 दिन बरनावा आश्रम में रहेगा। सिरसा में रहते हुए 30 जनवरी को उसने शाह सतनाम के भंडारे का आयोजन भी करवाया था। हालांकि, उसने प्रशासन से सिरसा में अतिरिक्त 5 दिन रहने के लिए कोई आवेदन नहीं दिया था।
पिछले साल अक्टूबर में भी मिली थी पैरोल
यह पहली बार नहीं है जब राम रहीम को पैरोल दी गई है। इससे पहले अक्टूबर 2023 में भी उसे पैरोल पर रिहा किया गया था। उस दौरान भी वह उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरनावा आश्रम गया था और 20 दिन तक वहीं रहा था। उस समय उसे सशर्त जमानत दी गई थी और हरियाणा चुनाव आयोग को आपातकालीन पैरोल के लिए अर्जी दी गई थी, जिसे मंजूर कर लिया गया था।